नगर निगम इन दिनों अवैध रूप से कॉलोनी काट रहे लोगों की धरपकड़ में जुटी है। करीब 7 ऐसे कॉलोनाइजरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जिन्होंने नियम विरुद्ध कॉलोनियां काट दी। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने सिंहस्थ भूमि पर ही प्लॉट काट दिए और मकान भी बनवा दिए। नगर निगम की यह कार्रवाई निश्चित ही सराहनीय है, लेकिन इसके साथ-साथ नगर निगम और प्रशासन को अन्य अतिक्रमण पर भी नजर दौड़ाना जरूरी है। सिंहस्थ भूमि पर इन दिनों कई तरह के अतिक्रमण हो चुके हैं। मंगलनाथ क्षेत्र, रामघाट के इर्दगिर्द, चिंतामन रोड, बडऩगर रोड स्थित सिंहस्थ भूमि पर तरह-तरह के निर्माण हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर मैरिज गार्डन, कारखाने, वाहन सर्विस सेंटर/एलाइनमेंट सेंटर, ढाबे-होटल आदि हैं। प्रतिबंध के बावजूद इनका निर्माण कार्य भी बेधडक़ हुआ है। चिंतामण रोड पर जवासिया के पास तो कॉलोनी भी काटी जा रही है। इन सब नियम विरुद्ध निर्माण कार्यों के पीछे नगर निगम और प्रशासन के नुमाइंदों का संरक्षण भी स्पष्ट रूप से नजर आता है। यह सब निर्माण प्रमुख सडक़ पर किए गए हैं तो ऐसा तो हो नहीं सकता कि नजर नहीं आएं। फिर इन्हें नजरअंदाज करने का कारण क्या है।
और भी अतिक्रमण हैं सिंहस्थ भूमि पर..!
