कार्बन ऊर्जा से बिगड़ रहा है मौसम चक्र इसे रोकने के लिए सौर ऊर्जा पर लौटना होगा

ऊर्जा स्वराज सभा में बोले भारत के सोलर मैन प्रो. चेतन सोलंकी

उज्जैन, अग्निपथ। हमारे जीवन का मुख्य स्रोत ही सौर ऊर्जा है। फॉसिल एनर्जी के निरन्तर उपयोग के कारण वातावरण प्रदूषण निरन्तर बढ़ रहा है। हम सब आने वाली पीढ़ी का ही नुकसान कर रहे हैं। आज पूरी पृथ्वी पर लगभग 81 प्रतिशत कार्य कार्बन एनर्जी से किये जाते हैं। इसकी वजह से कार्बन डाइऑक्साईड गैस निकालती है, जिस वजह से पृथ्वी का तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। प्रकृति में मौसम चक्र लगातार बिगड़ता जा रहा है। इसीलिये हमें इसे तुरन्त रोकना होगा तथा सोलर एनर्जी को दोबारा अस्तित्व के केन्द्र में लाना होगा।

यह बात भारत के सोलर मैन के रूप में विश्व विख्यात तथा भारत सरकार की ओर से सौर ऊर्जा के ब्राण्ड एम्बेसेडर प्रो.चेतन सोलंकी ने रविवार को विक्रम विश्वविद्यालय में कही। विवि के स्वर्ण जयन्ती सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत ऊर्जा स्वराज यात्रा सभा का आयोजन किया गया। इसमें सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ और इसके उपयोग के बारे में व्याख्यान देते हुए प्रो.सोलंकी ने कहा कि हमें ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा। इसी उद्देश्य से उन्होंने निरन्तर 11 वर्षों तक घर से बाहर रहने का प्रण लिया है और ऊर्जा स्वराज यात्रा प्रारम्भ की है। विद्यार्थी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इंटर्नशिप करें, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हों। शासकीय कार्यालयों और घरों में भी बिजली की व्यवस्था को शत-प्रतिशत सौर ऊर्जा पर आधारित किया जाये। विश्वविद्यालय में एक बिल्डिंग कम से कम पूर्णत: सौर ऊर्जा पर कंेद्रित हो। हम सभी साल्यूशन का हिस्सा बनें, पाल्यूशन का नहीं। सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता लाने के लिये जन आन्दोलन बनायें।

बस में सभी उपकरण सौर ऊर्जा से चलते हैं

इसके पश्चात अतिथियों द्वारा प्रो. सोलंकी की स्वराज यात्रा बस का अवलोकन किया गया। उल्लेखनीय है कि इस बस के ऊपर सोलर पैनल लगे हुए हैं तथा बस के अन्दर मौजूद सभी उपकरण सौर ऊर्जा से ही संचालित किये जाते हैं। प्रो.सोलंकी ने अतिथियों को सौर ऊर्जा संयंत्र के इनपुट और उपकरणों की विस्तार से जानकारी दी। सभा के दौरान विक्रम विवि के डॉ.आरके अहिरवार, डॉ.रमण सोलंकी, नवकरणीय ऊर्जा के कार्यपालन यंत्री आलोक व्यास, अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत कीर्ति मिश्रा, डॉ. लोकेन्द्रसिंह ठाकुर, आनन्द विभाग के संयोजक पीएल डाबरे, विश्वविद्यालय के अन्य व्याख्याता, शोधार्थी तथा विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.नीता जाधव ने किया। डॉ.अर्पण भारद्वाज द्वारा अतिथि परिचय दिया गया। डॉ.भारद्वाज ने जानकारी दी कि शासकीय माधव महाविद्यालय में सोलर प्लांट प्रारम्भ हो चुका है। साथ ही विक्रम विश्वविद्यालय में भी सौर ऊर्जा से संचालित पैनल लगे हैं।

कलेक्टर ने उज्जैन में सौर ऊर्जा पर अच्छे काम का भरोसा दिलाया

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति हमेशा प्रकृति के निकट रही है। हमें प्रकृति से प्रेम करना चाहिये। नवकरणीय ऊर्जा और रिन्यूएबल रिसोर्सेस के लिये विश्वविद्यालय में आने वाले समय में ट्रेनिंग सेशन आयोजित किये जायें। कलेक्टर आशीष सिंह ने वादा किया कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक योजना बनाई जायेगी, जिसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कई प्रोजेक्ट को शामिल किया जायेगा। विभिन्न विभागों के साथ बैठक आयोजित कर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में समन्वय और सहयोग किया जायेगा। उज्जैन एक धार्मिक नगरी है। यहां प्रमुख मन्दिरों में सौर ऊर्जा पर आधारित प्रोजेक्ट बनाये जायेंगे। कलेक्टर ने प्रो. सोलंकी से कहा कि हम विश्वास दिलाते हैं कि उज्जैन में सौर ऊर्जा पर काफी अच्छा काम किया जायेगा।

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