भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान और विक्रम विवि के बीच साईन हुआ एमओयू
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर के साथ शनिवार को एक एमओयू साईन किया है। इस एमओयू के बाद सोयाबीन अनुसंधान संस्थान विक्रम विवि के विद्यार्थियों को सोयाबीन उत्पादन से जुड़े शोध में मदद करेगा।
विद्यार्थी सोयाबीन पैदावार के साथ ही बिस्किट, चॉकलेट, बड़ी, सोया दूध, सोया पेड़ा, सोया हलवा सहित इसके भूसे से फर्नीचर और ईंट निर्माण, सोयाबीन भूसे से मशरूम उत्पादन जैसे स्टार्टअप भी शुरू कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश में लगभग 53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन का उत्पादन होता है। अकेले मालवा क्षेत्र में ही लगभग 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन बोई जाती है। यह भी तय है कि भविष्य में सोयाबीन उत्पादन को मालवा क्षेत्र ही लीड करेगा।
भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर अपनी आधुनिक प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिकों की मदद से सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने, किसानों को इसका अधिक लाभ प्रदान करने की दिशा में नए अनुसंधान करने में जुटा है। विक्रम विवि के साथ सोयाबीन अनुसंधान संस्थान का एमओयू साईन होने के बाद अब विक्रम विवि के जीव विज्ञान संकाय और कृषि विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रयोगशालाओं में काम करने और अनुसंधान परक नई जानकारी उपलब्ध कराने में मदद मिल सकेगी।
शनिवार को भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्था की निदेशक डा. नीता खांडेगर और विक्रम विवि के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।