कांग्रेस नेता के पंप का बकाया दिया नहीं, पुलिस के भी एक करोड़ उधार हो गए
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में केवल डीजल और टैक्सी वाहनों का खर्च इतना हो गया है कि इसने नगर निगम का पूरा बजट बिगाड़ कर रख दिया है। आयुक्त अंशुल गुप्ता जब से उज्जैन में पदस्थ हुए तभी से वे डीजल और टैक्सी खर्च में कटौती के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।
मंगलवार को आयुक्त ने नया आदेश जारी किया। नगर निगम के 8 अधिकारियों की 4 टैक्सी गाडिय़ां कम कर दी गई है। अब दो अधिकारियों के बीच एक वाहन होगा।
मंगलवार को पुलिस पेट्रोल पंप देवास रोड का संचालन करने वाली 32 वीं बटालियन के अधिकारी आयुक्त अंशुल गुप्ता से मुलाकात करने पहुंचे थे। पुलिस के पंप पर भी डीजल के एवज में नगर निगम को करीब एक करोड़ रूपए चुकाना है। इससे पहले नगर निगम कांग्रेस नेता राजेंद्र वशिष्ठ के मक्सीरोड़ स्थित पेट्रोल पंप से डीजल लिया जाता था। उनके डेढ़ से पौने दो करोड़ पहले से बकाया चल रहे है।
डीजल की बचत के लिए कटौती
नगर निगम ने एक पखवाड़ा (15 दिन) में डीजल खर्च पर करीब 5 लाख रुपए बचाए है। जिन टैक्सी वाहनों को हर रोज औसत 10 लीटर डीजल दिया जाता था, उनका डीजल 7 लीटर कर दिया गया। ट्रक और टैंकर का डीजल औसत हर रोज 30 लीटर से कम कर 15 लीटर कर दिया गया।
जेसीबी का डीजल 50 लीटर प्रतिदिन से कम कर 30 लीटर कर दिया गया। खास बात यह है कि प्रत्येक गाड़ी में डीजल की मात्रा कम कर देने के बाद भी नगर निगम के दैनिक कार्यो पर किसी तरह का असर नहीं आया है।
खुद के पास दो-दो वाहन
दो अधिकारियों के बीच एक वाहन का बंटवारा करने वाले नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता के स्वयं के पास नगर निगम के ही दो वाहन है। आयुक्त वाली गाड़ी के अलावा नगर निगम अध्यक्ष वाली गाड़ी भी आयुक्त के पास ही है। इसके अलावा नगर निगम के प्रशासक की हैसियत से संभागायुक्त के पास महापौर वाली इनोवा गाड़ी भी है।
जबकि उनके पास स्वयं के विभाग की गाड़ी पहले से है। नगर निगम के पास अपने खुद के 14 चौपहिया वाहन है, इनके अलावा भी करीब 26 गाडिय़ा नगर निगम ने टैक्सी के रूप में अटैच कर रखी है। टैक्सी वाले का भी लंबे वक्त से भुगतान नहीं किया जा सका है।
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