उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के रवैये से कार्यपरिषद के सदस्य खासे नाराज हो गए है। 22 दिसंबर को विक्रम विवि का 25 वां दीक्षांत समारोह आयोजित होना है। दीक्षांत से पहले 17 दिसंबर को विक्रम विवि में कार्यपरिषद सदस्यों की बैठक बुलाई गई, इस बैठक की सूचना भी सदस्यों को एक दिन पहले 16 दिसंबर गुरूवार दोपहर में दी गई। परिषद सदस्यों का कहना है कि कार्यक्रम से महज कुछ दिन पहले बैठक बुलाने का कोई औचित्य नहीं है।
विक्रम विवि कार्यपरिषद के सदस्य सचिन दवे, धार ने अग्निपथ से चर्चा में बताया कि दीक्षांत समारोह से महज 5 दिन पहले कार्यपरिषद की बैठक बुलाई गई। ऐसे में यदि कार्यपरिषद के सदस्य कार्यक्रम में कोई बदलाव भी करवाना चाहे या कोई सुझाव देना चाहे तो कार्यक्रम की रूपरेखा को बदलना अब मुश्किल है। ऐसी स्थिति में कार्यपरिषद की बैठक महज औपचारिकता ही रह जाएगी।
सचिन दवे ने बताया कि कार्यपरिषद के सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, विनोद यादव, विनोद नाहर, कुसुमलता निंगवाल आदि के साथ भी उनकी बात हुई है। ज्यादातर सदस्य विवि के इस तरह के रवैये से नाराज है।
दवे ने बताया कि इससे पहले भी विवि प्रशासन कार्यपरिषद सदस्यों के साथ इसी तरह का बर्ताव कर चुका है। विक्रम विवि में प. मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम की सूचना महज कुछ घंटे पहले कार्यपरिषद सदस्यों को दी गई। परिषद के ज्यादातर सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।