हादसे के बाद सडक़ पर तड़पती रही महिला, न एंबुलेंस पहुंची न डायल-100 वाहन

Jaora no ambulance mahila

जावरा, अग्निपथ। आपातकालीन स्थित में प्राथमिक इलाज के लिए संचालित की गई सरकारी एंबुलेंस (108) सेवा कई बार लेतलाली की वजह से लोगों की जान की दुश्मन बन जाती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है। जब एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए फोन लगाने के बाद भी समय पर घटना स्थल पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची।

होली हनुमानजी से दर्शन कर जब फूलीबाई मालवीय और उनका बालक तेजराम अपने गाँव मुंडला कला जा रहें थे तो नवेली में एक स्टॉप ब्रेकर पर गाड़ी जैसी ही चढ़ी संतुलन बिगडऩे से महिला गाड़ी से नीचे गिर गई। जिसकी वजह से महिला के सिर, मुंह और हाथ पैर मे चोट लगी और वो बेहोश हो गई।

सडक़ हादसे के बाद रोड पर करीब एक घंटे से भी ज़्यादा महिला तड़पती रही, लेकिन एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल करने पर यह बोला गया कि एम्बुलेंस पिपलोदा से आएगी 40 से 50 मिनट लगेगा।
एंबुलेंस देर से पहुँचने की जानकारी मिलने पर लोगों ने जब डायल-100 को कॉल किया तो कुछ मिनट बाद पायलट का कॉल आया और लोकेशन पूछी।

लोकेशन बताई तो सामने से बोला गया कि आ रहे है लेकिन कुछ समय बाद कॉल कर पूछा गया कि कितनी लगी है। पर जवाब देने के पहले ही कॉल कट कर दी गई। कुछ देर बाद जब डायल-100 में ड्यूटीरत कर्मचारी को कॉल किया जाता है तो बोलते की मेरे पास तो कोई इवेंट ही नहीं आया है। मैं जानकारी लेता हूँ काफी इंतजार के बाद फिऱ यह कॉल आता कि गाड़ी का रास्ते में क्लच खऱाब हो गया है गाड़ी नहीं पहुँच पाएंगी डेढ़ घंटे से भी ज़्यादा महिला केवल 108 और 100 डायल के इंतजार में तड़पती रही। बाद में महिला को जितेश जैन ने अपने निज़ी वाहन से हॉस्पिटल पहुंचाया जहां उपचार के बाद महिला और उनके परिजनों को घर पर भी छोड़ कर आए।

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