उज्जैन के संतों के साथ राज्य सरकार के दो मंत्रियों का मंथन
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर और देवास से शिप्रा नदी में मिल रहे दूषित पानी के मुद्दे पर उज्जैन के साधु-संतों की नाराजगी अभी सरकार से दूर नहीं हुई है। गुरुवार को राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने साधु-संतों के साथ बैठक की। इस बैठक में साधु-संतों ने साफ कर दिया है कि शिप्रा को लेकर अब जो भी कार्ययोजना बने, वह स्थाई हो। कान्ह नदी का इंदौर से आने वाला पानी शिप्रा में किसी भी स्थिति में मिलना नहीं चाहिए। नहर बनाओ और इसे शहर से बाहर ले जाओ।
उज्जैन षटदर्शन संत मंडल के सदस्य साधु-संत दिसंबर महीने की शुरुआत में लगातार 5 दिन तक दत्त अखाड़ा घाट पर धरना दे चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिप्रा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार मंत्रियों की कमेटी गठित की है। जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा और उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव इस कमेटी के सदस्य हैं। गुरुवार को कमेटी सदस्य तुलसी सिलावट और मोहन यादव ने राघोपिपल्या और त्रिवेणी क्षेत्र का निरीक्षण किया। इन दोनों ही मंत्रियों ने शाम 4 बजे बृहस्पति भवन में शहर के साधु-संतो के साथ मुलाकात की। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने संतों को अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने साधु-संतो से शिप्रा शुद्धिकरण की कार्ययोजना पर लिखित रूप में सुझाव मांगे। सिलावट ने आश्वस्त किया कि साधु-संतों के सभी सुझावों के आधार पर ही राज्य सरकार शुद्धिकरण की कार्ययोजना बनाएगी।
नर्मदा के जल से होगा संक्रांति का स्नान
14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व का स्नान इस बार भी नर्मदा नदी के जल से ही होगा। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि कान्ह नदी पर तीन स्थानों पर अस्थाई स्टापडेम बनाने का काम शुरू हो गया है। मावठे की वजह से इस काम में कुछ व्यवधान आया है। संक्रांति पर्व स्नान आने तक शिप्रा नदी में भरे गंदे पानी को निकालकर यहां नर्मदा का साफ पानी भर देंगे।
संतों के आंदोलन का असर
- इंदौर में अब तक जिला प्रशासन कान्ह नदी जल को दूषित करने वाली 13 फैक्ट्रियां सील कर चुका है।
- देवास ने नागदहन नदी में मिलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत के टेंडर निकाल दिए हैं।
- राज्य सरकार के तीन विभागों के दो अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव शिप्रा और कान्ह नदी का उज्जैन आकर दौरा कर चुके हैं।
- पंथ पिपलई और रामवासा में कान्ह नदी पर अस्थाई समाधान के रूप में 3 स्टापडेम बनाने का काम शुरू हो चुका है।
- सांवेर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कार्ययोजना तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश जारी हो चुके हैं।
- कान्ह नदी को ओपन नहर के माध्यम से डायवर्ट कर इसका पानी किसानों को खेती के लिए देने की कार्ययोजना पर जल संसाधन विभाग का अमला प्लानिंग बनाने में जुटा है।