कुछ शैव संतों के आपत्तिजन शब्दों के इस्तेमाल से आक्रोश
उज्जैन, अग्निपथ। महानिर्वाणी अखाड़े में पिछले दिनों हुई षड्दर्शन साधु समाज की बैठक में एक संत के बहिष्कार करने के फैसले को शैव अखाड़ों के कुछ संतों द्वारा नकार कर आपत्तिजन टिप्पणी का एक वीडियो वायरल किया गया था। जिस पर सोमवार की शाम वैष्णव संतों की प्रतिनिधि संस्था रामादल अखाड़ा परिषद उज्जैन ने स्वयं को शैव अखाड़ों से अलग करने की घोषणा कर दी है।
रामादल अखाड़ा परिषद की बैठक में यह निर्णय हुआ है। सोमवार शाम को महंत नृत्यगोपालदास, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अध्यक्ष के उज्जैन अंकपात स्थित आश्रम हनुमान वाटिका पर रामादल अखाड़ा परिषद के संत-महंत-महामंडलेश्वर की बैठक का आयोजन किया गया। महंत रामशरणदास जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शैव अखाड़ों के कुछ संतों द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विषय पर चर्चा की गई।
इसके अलावा 7 जनवरी को महानिर्वाणी अखाड़ा महाकालेश्वर मंदिर में हुई षड्दर्शन साधु समाज की बैठक के उपरांत उत्पन्न हुई परिस्थितियों एवं कुछ शैव संतों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के वायरल हुए वीडियों के संबंध में भी चर्चा की गई। रामादल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कुछ शैव संतों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में रामादल अखाड़ा परिषद ने स्वयं को शैव अखाड़ों से अलग कर लिया है। बैठक में रामादल अखाड़ा परिषद के समस्त संत-महंत-महामंडलेश्वर उपस्थित हुए।
24 को मनाएंगे रामानंदाचार्य प्राकट्य उत्सव
जगदगुरु रामानंदाचार्य जी का 722वां प्राकट्य उत्सव मनाने के संबंध में रामादल अखाड़ा परिषद की बैठक में चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि इस वर्ष 24 जनवरी सोमवार को कोविड गाईड लाईन का पालन करते हुए जगदगुरु रामानंदाचार्य का प्राकट्य उत्सव अंकपात स्थित रामानंद चौक पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर सुबह 8 बजे रामानंदाचार्य जी की प्रतिमा का विशेष पूजन-अर्चन किया जाएगा।