जिले के 6 थाना क्षेत्रों में केवल सहकारी राशन दुकानों को निशाना बनाने वाली गैंग धराई
उज्जैन, अग्निपथ। खाचरौद पुलिस ने 4 चोरों की एक ऐसी गैंग को गिरफ्तार किया है जो गांवो में केवल सहकारी राशन दुकानों को ही निशाना बनाती थी। इस गैंग के सदस्य आपस रिश्तेदार है। मामा-भांजो की यह गैंग 16 दिसंबर के बाद से अब तक जिले के 6 थाना क्षेत्रों में 7 सहकारी राशन दुकानों पर चोरी की वारदात कर चुकी थी। इनके पास से पुलिस ने 25 लाख 80 हजार रूपए कीमत का अनाज जब्त किया है। चोरी की हर वारदात के बाद ये लोग घरों में या खेतों पर अनाज के बोरों को स्टोर करके रख दिया करते थे।
नागदा से जावरा जाने वाले रोड पर एक पिकअप वाहन की तलाशी के दौरान पुलिस को सहकारी राशन के कुछ कट्टे मिले। शंका होने पर ड्राइवर से पूछताछ शुरू की गई तो चोरों की पूरी गैंग और इनके कारनामों का एक-एक कर खुलासा होता चला गया। ड्राइवर की निशानदेही पर 3 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम श्याम उर्फ योगेश बरगुंडा, भेरूलाल पिता रामचंद्र निवासी ग्राम बिहारिया, महेश पिता रामचंद्र और दीपक पिता रामचंद्र निवासी महिदपुर शहर है।
घट्टिया थाना क्षेत्र की पानबिहार चौकी के बिहारिया गांव में एक घर और खेत से सहकारी राशन के सैकड़ो कट्टे जब्त कर लिए गए। इस गैंग के 3 सदस्य फरार है। खाचरौद थाना प्रभारी रविंद्र यादव के मुताबिक आरोपियों ने 16 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच खाचरौद, भाटपचलाना, इंगोरिया, झार्डा, महिदपुर, महिदपुर रोड़ थाना क्षेत्रों के गांव भुवांसा, रूनखेड़ा, पाइसुतिया, चापानेर, थड़ोदा व 2 अन्य गांवो में सहकारी राशन दुकानों को निशाना बनाया था। 7 सहकारी राशन दुकानों से लगभग 450 कट्टे गेंहू और चावल चुराया गया। जब्त अनाज की कीमत 25 लाख 80 हजार रूपए है।
इसलिए निशाने पर राशन दुकानें
- गांवो में अमूमन सहकारी राशन दुकानें आबादी से दूर होती हैं।
- कोरोना की वजह से फिलहाल सरकारी योजनाओं में सहकारी दुकानों पर खूब अनाज भेजा जा रहा है।
- सहकारी राशन दुकानों पर न कैमरे लगे होते है न ही सुरक्षा के कोई अन्य इंतजाम होते है।
- अनाज का केवल कट्टा ही बदलना पड़ता है, इसके बाद इसे कहीं भी आसानी से बेचा जा सकता है।