अंतिम दौर तक जुड़े रहे लेखन से
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के वरिष्ठ साहित्यकार, एडवोकेट कांतिलाल नागर का मंगलवार को दु:खद निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। छोटे भाई कमलकांत नागर ने बताया अंतिम यात्रा बुधवार सुबह 10 बजजे निज निवास अभिषेक नगर नानाखेड़ा से चक्रतीर्थ जायेगी।
श्री नागर लंबे समय से लेखन से जुड़े रहे। सर्वाधिक चर्चित लेखन दैनिक अग्निपथ में रहा। अग्निपथ में प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित उनका कालम ‘शहर का चक्कर’ ने उन्हें कांति दा के रूप में स्थापित किया। कांति दा अंतिम समय तक लेखन के रूप में जुटे रहें। उनकी पुस्तक लिखो हमारे विरुद्ध-4 का लोकार्पण दिसंबर-2021 में हुआ था।
जीवन वृत्त
23 दिसंबर 1941 को मणिवेन-बसंतीलाल नागर के घर जन्मे कांतिलाल नागर ने बीए एलएलबी तक शिक्षा हासिल की और उज्जैन जिला न्यायालय में अपना विशेष स्थान बताया। 1988 में मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष बने। समाजसेवी सुब्बाराव के साथ समाजसेवा से जुड़े। जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रिय रहे और आपातकाल में जेल भी गए
लेखन
रचनात्मक लेखन के साथ-साथ पत्रकारिता और स्तंभ लेखन से जुड़े रहे। दैनिक अग्निपथ के अलावा नौलाई टाइम्स बडऩगर, नवप्रभात, संग्राम, नवभारत, दैनिक भास्कर, अवन्तिका, स्वदेश समाचार पत्रों से नियमित जुड़ाव।