बाकी कसर पूरी कर रहे पंडे पुजारी, गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर लगाए रखते भीड़
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में जब से 1500 रुपए की अभिषेक रसीद शुरू हुई है, तब से लेकर आज तक आम श्रद्धालुओं को दूर से भी भगवान महाकाल के दर्शन करने में परेशानी आ रही है। गर्भगृह के अंदर और बाहर श्रद्धालुओं और पंडे पुजारियों की इतनी भीड़ जमा रहती है कि केवल एक झलक भगवान महाकाल के दर्शन करने वाला आम श्रद्धालु इससे वंचित हो जाता है।
मंदिर प्रशासन ने आय बढ़ाने के लिए 1500 रुपए की अभिषेक रसीद शुरू की थी, जिस से दो व्यक्ति जाकर भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन और जलाभिषेक कर सकते हैं। लेकिन इसकी कोई संख्या निर्धारित नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्वयं रसीद कटवा कर गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। आम श्रद्धालुओं के दर्शन गर्भगृह से बंद होने के चलते मजबूरी में श्रद्धालुओं को
1500 रुपए की अभिषेक रसीद लेकर भगवान महाकाल के दर्शन करना पड़ रहे हैं। जिसके चलते सुबह से लेकर रात तक गर्भगृह में चहलकदमी मची रहती है। ऐसे में अवकाश वाले दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होने के कारण गर्भगृह में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हो जाते हैं कि रैलिंग से दर्शन करने वाले आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के शिवलिंग के दर्शन नहीं हो पाते हैं।
जब तक भीड़ हटती है, तब तक आम श्रद्धालु रैलिंग से बाहर हो जाता है। रविवार को अवकाश के दिन ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसमें आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल की एक झलक नहीं मिल पा रही थी।
पंडे पुजारियों का प्रवेश द्वार पर जमावड़ा
गर्भगृह में 1500 रुपए की अभिषेक रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ तो जमा रहती ही है। इसके साथ ही पंडे पुजारियों के यजमान भी भगवान महाकाल के जलाभिषेक दर्शन करने के लिए गर्भगृह में रहते है।ं लिहाजा पंडे पुजारी उनकी अगवानी करने के लिए मंदिर के गर्भगृह के आसपास ही जमा रहते हैं। जिसके चलते भीड़ और बढ़ जाती है और आम श्रद्धालुओं के दर्शन बाधित हो जाते हैं। कई पंडे पुजारी तो गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर अभिषेक के नाम पर भीड़ बढ़ाते हैं। ये कभी अंदर तो कभी गर्भगृह के बाहर आते जाते रहते हैं। जिसके चलते आम श्रद्धालु भगवान महाकाल शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पाता।
आय बढ़ाने के लिए प्रवेश किए प्रतिबंधित
मंदिर प्रशासन द्वारा इन दिनों मंदिर की आय बढ़ाने के लगभग सभी प्रयास किए जा रहे हैं। यहां तक कि मंदिर के चारों ओर दान पेटी बड़ी संख्या में लगा दी गई हैं। जिनकी कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं भीड़ बढऩे के नाम पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन गर्भगृह से प्रतिबंधित किए हुए हैं। जिसका लाभ मंदिर प्रशासन द्वारा 1500 की अभिषेक रसीद कटवा कर लिया जा रहा है।
आम श्रद्धालुओं का प्रवेश यदि शुरू कर दिया जाता है तो मंदिर प्रशासन की आय नहीं हो पाएगी। ऐसे में मंदिर का पूर्ण व्यवसायीकरण कर आम श्रद्धालुओं की आस्था पर प्रहार कर भगवान महाकाल के दर्शन से दूर किया जा रहा है।