खबर का असरः अधिकारियों के बंगलों को आखिरकार मिला गुमटियों से छुटकारा

शासकीय जमीन से प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

सुसनेर, अग्निपथ। नगर के नए बस स्टैंड के समीप बने सरकारी अधिकारियों के बंगलों को आखिरकार अवैध गुमटियों के शिकंजे से मुक्ति मिल गई है। शनिवार को प्रशासन ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। गुमटी मालिक जमीन को अपनी बताकर गुमटी नहीं हटा रहा था लेकिन मालिकाना हक का कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका।

दरअसल, बस स्टैंड के समीप नायब तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओं व न्यायाधीश के बंगले के बाहर की शासकीय जमीन पर कुछ दिनों पूर्व अवैध रूप से गुमटियां लगने लगी थीं। गुमटी मालिक इस शासकीय जमीन को अपनी जमीन बता कर इस जमीन की रजिस्ट्री होने की बात कहते हुवें गुमटी नही हटा रहा था। प्रशासन ने हाल ही में कार्रवाई कर यहां लगी 15 गुमटियों में से 6 गुमटियों को जब्त कर थाने भेज दिया था।

शेष गुमटियों को गुमटी मालिक खुद उठाकर ले गए थें। किन्तु एक गुमटी मालिक न्यायाधीश के बंगले के पास वाली जमीन की रजिस्ट्री होने तथा उनके द्ववारा इस जमीन को खरीदने का दावा कर रहा था। जिसके बाद प्रशासन ने शनिवार दोपहर तक इस जमीन की रजिस्ट्री सहित अन्य कागजात पेश करने की मोहलत दी थी। शनिवार को दोपहर में इस गुमटी को हटाने के लिए नायब तहसीलदार देवेन्द्र धनगढ़ सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे किन्तु एक बार फिर गुमटी मालिक ने शाम तक का समय लेकर प्रशासन को गुमटी लेकर जाने से रोक दिया था। किन्तु शनिवार की रात्रि तक जमीन संबधी कोई भी कागज पेश ना करने पर प्रशासन के द्ववारा उक्त गुमटी को शासकीय जमीन से हटा दिया।

अग्निपथ ने उठाया था मुद्दा

अग्निपथ में 5 फरवरी को प्रकाशित खबर
अग्निपथ में 5 फरवरी को प्रकाशित खबर

अधिकारियों के आवास के आसपास अवैध कब्जे कर गुमटियों का मकडज़ाल लगाने के मामले में अग्निपथ ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद प्रशासन जागा और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर अवैध गुमटियों को हटाया गया।

शासकीय जमीन पर कब्जे के कई प्रयास, कुछ सफल तो कुछ असफल

नगर के नगर के समीप से लेकर नवीन बस स्टैंड पर न्यायाधीश के निवास तक की जमीन को निजी बता कर इस जमीन के कई हिस्सें पर कब्जा कर लिया गया है। तो कुछ हिस्सें पर समय समय पर कब्जा करनें के प्रयास जारी है। इस जमीन पर शासकीय अधिकारी जिसमें तहसीलदार,जनपद सीईओं,न्यायाधीश के साथ विधायक कार्यालय शामील हैं जो वर्तमान में मौजूद हैं।

किन्तु शासकीय अधिकारियों के निवास होने के बाद भी इस जमीन को निजी बता कर जमीन इस पर कब्जा करने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इसी प्रयास का एक हिस्सा कुछ दिनों पूर्व रखी गई यह गुमटिया हैं। जिसे प्रशासन ने असफल कर दिया किन्तु कुछ अभी भी कुछ लोग इस शासकीय जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हैं।

पहले शासकीय जमीन पर कब्जा कर दुकान बेची, अब नया कब्जा जमाया

नगर के एक व्यक्ति के द्ववारा पूर्व में बड़ा जीन के समीप की शासकीय जमीन पर गुमटी रखकर शासकीय जमीन पर कब्जा करने के बाद इस पर पक्की दुकान का निर्माण करनें के बाद इसें बेच दिया।अब महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर के निवास के समीप गुमटी रखकर इस जमीन पर कब्जा कर दुकान का संचालन किया जा रहा हैं। जमीन माफियाओं के सदस्य के रूप में कार्य करने वालें इस व्यक्ति के द्ववारा लगातार शासकीय जमीन को निशाना बनाया जा रहा हैं किन्तु इसके बाद भी प्रशासन का इस और कोई ध्यान नही हैं।

इनका कहना

नवीन बस स्टैंड पर कुछ दिनों पूर्व रखी गई गुमटियों को हटा दिया गया है। एक गुमटी मालिक ने न्यायाधीश के निवास वाली जमीन की रजिस्ट्री होने बात कही थी। किन्तु वे जमीन संबधी कोई कागजात नही दिखा सकें। शनिवार की रात्रि में इस गुमटी को भी हटा दिया गया हैं। -देवेन्द्र धनगढ़, नायब तहसीलदार सुसनेर

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