सुरक्षा के मद्देनजर भस्मारती परमिशन निरस्त किए जाने पर बवाल मचा
उज्जैन, अग्निपथ। आरएसएस के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत सोमवार सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। इस दौरान संघ के अन्य पदाधिकारी भी साथ थे। लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर पूर्व से जारी भस्मारती अनुमति निरस्त किए जाने से श्रद्धालुओं ने हंगामा मचाया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गर्भ गृह में महाकाल का पूजन अर्चन किया। पूजन के बाद महाकाल मंदिर समिति प्रशासक गणेश धाकड़ ने भागवत का शाल श्रीफल से सम्मान किया। श्री भागवत सुबह 4 बजे भस्म आरती दर्शन करने पहुंचे थे। वहे पूजन अर्चन के पश्चात नंदीहाल में जाकर बैठे।
संघ प्रमुख मोहन भागवत का पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के चलते महाकाल मंदिर को देर रात्रि से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। संघ प्रमुख मंदिर से सुबह 6.30 के पश्चात मालीपुरा क्षेत्र स्थित आराधना भवन कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे।
एक साथ 500 परमिशन जारी कर दी
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा के मद्देनजर अनुमति आम लोगों को जारी करने के दौरान इस बात का ख्याल नहीं रखा गया कि उनको जेड कटागिरी सुरक्षा है। जिसके चलते हैं सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को भस्मारती अनुमति जारी की जाने थी। लेकिन इधर आम, प्रोटोकॉल और पंडे पुजारियों को 500 के लगभग भस्मारती करने की अनुमति जारी कर दी गई।
बाद में जनरल भस्मारती काउंटर पर जब श्रद्धालु अपने अनुमति लेने पहुंचे तो उनको मालूम हुआ कि उनकी अनुमति निरस्त कर दी गई है। जिसके बाद वहां श्रद्धालु एकत्रित हो गए और हंगामा करने लगे।
महिला श्रद्धालुओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि या परमिशन नहीं देनी थी तो सुबह से लाइन में खड़ा क्यों किया। हमसे शुल्क तो ले लिया गया लेकिन अब परमिशन मिल नहीं दे रही है। एक अन्य गुजरात से आए श्रद्धालु ने बताया कि सुबह मोहन भागवत आने वाले हंै। इसलिए हमें कहा गया कि आतंकी घटना का खतरा है। इस कारण परमिशन निरस्त की गई।