उज्जैन, अग्निपथ। अर्थशास्त्र अध्ययन शाला द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार तथा वार्षिक अधिवेशन का समापन 26 फरवरी को किया गया। इस अवसर पर इग्नू के कुलपति प्रो.नागेश्वर राव का सारस्वत सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले तथा बाद में कौशल विकास की प्रक्रिया पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। पहले शिक्षा, प्रशिक्षण, सेमिनार कौशल विकास आदि कार्य अलग प्रकार से संचालित होते थे, लेकिन अब हम पर कोरोना का व्यापक प्रभाव पड़ा है।
जवाहर विश्वविद्यालय के प्रो. अमरेश दुबे ने ग्रामीण क्षेत्र में मानवीय संसाधनों के विकास एवं रोजगार के मध्य पाये जाने वाले संबंधों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से लागत बढ़ रही हैए जिसका बुरा प्रभाव ग्रामीण रोजगार एवं कौशल विकास पर पड़ा है। समापन संध्या के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र ने प्रो. नागेश्वर राव के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी व्यक्तित्व के निर्माण में मानवीय मूल्यों का बहुत बड़ा एवं महान कार्य सम्पन्न नहीं हो सकता है।
समापन की अध्यक्षता कर रहे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके पाण्डे के अनुसार वर्तमान में विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधात्मक गतिविधियों का संचालन करना विश्वविद्यालय का दायित्व होता है। अत: ऐसे अधिवेशन एवं सेमिनार समय.समय पर आयोजित किए जाना चाहिए। संचालन डॉ. निवेदिता वर्मा ने किया। स्वागत भाषण डॉ. एसके मिश्रा ने दिया।
दो दिवसीय कार्यक्रम का प्रतिवेदन डॉ. रीना अध्वर्यु ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस सेमिनार में 182 प्रतिभागियों ने भाग लिया है और 52 शोधार्थियों ने शोध पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर प्रो. रामराजेश मिश्रा, कुलसचिव प्रशांत पोराणिक, प्रो. कन्हैया आहूजा, प्रो. गोपालकृष्ण शर्मा, प्रो. शैलेष चौबे, प्रो. गांगले तथा डॉ. नीता तपन विशेष रूप से उपस्थित रहे।