अन्न क्षेत्र कर्मचारियों को भी किया वंचित, पंडित पुजारियों ने की परोसगारी
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व आनंद से निपटने के बाद बुधवार दोपहर में महाकाल रिसेप्शन अर्थात पारणा कार्यक्रम रखा गया था जोकि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से था। यहां पर कर्मचारियों को अपमानित करते हुए भोजन नहीं करने दिया गया यह पहली बार है कि जब कर्मचारियों को इस प्रकार का अपमान झेलना पड़ा।
दोपहर की भस्म आरती समाप्त होने के बाद अन्न क्षेत्र में महाकाल रिसेप्शन रखा गया था। जिसमें मंदिर प्रबंध समिति ने पंडे पुजारियों और उनके परिवार जनों को आमंत्रित किया था। हर वर्ष की तरह इस बार भी मंदिर के कुछ कर्मचारी भोजन करने बैठे तो उनको भोजन से उठा दिया गया। यहां तक की अन्नपूर्णा क्षेत्र के कर्मचारी जहां पर रिसेप्शन चल रहा था उन्हीं को भोजन प्रसादी ग्रहण करने से वंचित कर दिया गया। अन्य कर्मचारियों के पास भी यह सूचना पहुंचा दी गई कि कोई भी कर्मचारी महाकाल रिसेप्शन में भोजन करने नहीं आए। बताया जाता है कि पहले जहां कर्मचारी परोसगारी करते थे लेकिन इस बार कर्मचारियों को भोजन प्रसादी में हिस्सा नहीं लेने दिया गया और परोसगारी का काम पंडे पुजारियों ने किया।
प्रभारियों को किया आमंत्रित
मंदिर प्रबंध समिति का भेदभाव यहां पर भी देखा गया। जब कर्मचारियों को आने को मना कर दिया गया तो प्रभारियों को भोजन करने के लिए आमंत्रित किया गया। ज्ञातव्य रहे कि मंदिर में प्रभारी नाम का कोई पद नहीं है सभी कर्मचारियों को सेवक के नाम से महाकाल मंदिर एक्ट में संबोधन दिया गया है, तो फिर प्रभारियों को क्यों आमंत्रित कर लिया गया सभी के लिए नियम एक जैसे होना चाहिए।
पारणा केवल पंडे पुजारियों के लिए
मंदिर के एक पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि पर्व निपटने के बाद मंदिर प्रबंध समिति की ओर से केवल पंडे पुजारी और उनके परिवार जनों को ही महाकाल रिसेप्शन में आमंत्रित किया जाता है । यही प्रथा है ऐसे में किसी अन्य को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए कर्मचारियों को भी अपने सामान का ध्यान रखना चाहिए।