उज्जैन, अग्निपथ। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा शहर में निवास करने वाले 21 हजार 218 फर्जी बीपीएल परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने का आदेश जारी करने के बाद शहर में संचालित होने वाली सभी राशन दुकानों के संचालकों की भौंहे तन गई है। शहर में संचालित होने वाली सभी 126 राशन दुकानों के संचालकों ने अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल शुरू कर दी है।
मंगलवार को सभी दुकान संचालक कलेक्टर कार्यालय भी पहुंचे थे लेकिन किसी अधिकारी से इनकी मुलाकात नहीं हो सकी। बुधवार को सभी फिर से कलेक्टर कार्यालय जाएंगे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को ही शहर में निवास करने वाले 74 हजार 100 बीपीएल श्रेणी के परिवारों में से 21 हजार 218 परिवारों को अपात्र घोषित कर इनके नाम सर्वे सूची से हटाने के लिए निर्देश जारी किए है। कलेक्टर के इस आदेश पर ताबड़तोड़ अमल भी शुरू हो गया।
जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने शहर की सभी सहकारी राशन दुकानों के संचालकों को फोन पर एसएमएस भेजे और अपात्र परिवारों को राशन नहीं देने के लिए कहा। जैसे ही 126 राशन दुकान संचालकों के पास एसएमएस पहुंचे, सभी ने आपस में फोन पर वार्तालाप किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी।
मंगलवार को पूरे दिन शहर में एक भी सहकारी दुकान से राशन का वितरण नहीं हो सका। उज्जैन उचित मूल्य दुकान कल्याण संघ के बेनरतले सभी सहकारी राशन दुकान संचालक मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचे।
कलेक्टर आशीष सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी एम.एल. मारू सहित तमाम बड़े सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री की व्यवस्था ड्यूटी में लगे थे लिहाजा किसी से इनकी मुलाकात नहीं हो सकी। सभी सहकारी राशन दुकान संचालक अब बुधवार दोपहर कलेक्टर व जिला आपूर्ति अधिकारी से मुलाकात करने जाएंगे।
राशन वालों की ये परेशानी
- शहरी क्षेत्र के एक साथ 28 प्रतिशत से ज्यादा बीपीएल परिवारों को अपात्र घोषित कर दिया गया। अब दुकानदारों को कहा जा रहा है कि इन्हें राशन मत दिजिए। इसके ठीक विपरीत यदि दुकानदार यदि किसी परिवार का राशन रोक रहे है तो उनका आम लोगों के साथ विवाद हो रहा है।
- 21 हजार 218 परिवार बीपीएल श्रेणी से तो बाहर हो गए है लेकिन आपूर्ति विभाग के एम-राशन मित्र पोर्टल पर इनके नाम चढ़े हुए है, इस वजह से भी विवाद की स्थितियां बन रही है।
- पिछले लगभग डेढ़ साल से राशन दुकान संचालकों ने कड़ी मेहनत कर सभी पात्रतापर्चीधारियों की ई-केवायसी की, 80 प्रतिशत तक यह काम पूरा होने के बाद सरकारी पोर्टल से सभी ई-केवायसी डिलिट हो गई। अब दोबारा सभी से यहीं काम करवाया जा रहा है।
- जिन बीपीएल परिवारों को पात्रता श्रेणी से बाहर किया गया है, उनमें से किसी को राशन दिया तो कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। राशन दुकान संचालकों का कहना है कि इस चेतावनी के बाद ज्यादा ध्यान रखना पड़ रहा है। एक-एक ग्राहक को राशन देने में आधे घंटे का समय लग रहा है।
- सिंहस्थ 2016 के अलावा कोरोना काल में प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत जो राशन बांटा, उसका भी कमिशन अभी तक किसी भी राशन दुकान संचालक को नहीं दिया गया है।
राशन दुकान संचालकों ने फोन किया था, उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। फिलहाल हड़ताल जैसी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है। – एम.एल. मारू, जिला आपूर्ति नियंत्रक