शुरू हो गया सजने-संवरने का दौर, बाजार में जमकर खरीदारी भगोरिया कल से

Bhagoriya

झाबुआ, अग्निपथ। देश व विदेश तक प्रसिद्ध आदिवासियों का महापर्व भगोरिया इस साल 11 मार्च से प्रारंभ होकर 17 मार्च तक चलेगा। दो साल के कोरोना काल के बाद इस साल भगोरिया पर्व के मेले भरेंगें। जिसकी तैयारियों को लेकर आदिवासी समाज में उल्लास एवं उमंग देखा जा रहा है। बाजारों में भगोरिया पर्व के पहले से ही भीड नजर आने लगी है। आदिवासी समाज के लोग भगोरिया के लिए नए-नए परिधान खरीदने को लगे हैं। वहीं युवक-युवतियां भगोरिया पर्व को लेकर सजने संवरने लगे है।

भगोरिया पर्व का नाम सुनते ही मन मोहने लगता है। नव युवक व युवतियों के दिल धडक़ने लगते है। आदिवासी समाज में चहुंओर उल्लास और उमंग का वातावरण छा जाता है। पलास के फूलों की रंग बिरंगी चटख बिखरने लगती है। ताड़ी और महुए की गंध वातावरण को मदहोश करने लगती है।

होली के एक सप्ताह पूर्व भरने वाले हाट बाजारों को ही भगोरिया हाट कहां जाता है। भगोरिया पर्व को लेकर आदिवासी समाज में पूरे साल इंतजार रहता है और जब यह पर्व आता है तो समाज में उल्लास छा जाता है। विगत दो साल से कोरोना काल के चलते आदिवासी वर्ग इस पर्व को नहीं मना पाया था लेकिन अब इस साल यह पर्व पूरे उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जायेगा ।

विदेशी भी आते भगोरिया में

भगोरिया पर्व मेें आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, मेले लगते है। आदिवासी ढोल, मांदल और बांसुरी की तान पर थिरकते, नाचते-कूदते अपने पांरम्परिक वेषभूषा मेें जब भगोरिया हाट बाजारों में पहुंचते है तो आदिवासी संस्कृति देखते ही बनती है। भगोरिया हाट बाजारों में झूले, चकरिया, खाने पीने की दुकानें, खेल-तमाशे की दुकाने सजती है।

कुल्फी, शरबत, माजम, सेव, गोटे, पान, रंग, नारियल आदि बड़े पैमाने पर बिकते है और आदिवासी झूला झूलने का आंनद भी खूब लेते है, झूले की चर र चू की ध्वनि बड़ी ही आकर्षक होती है। इन मेलों में गल घूमने वाले मन्नतधारी भी अपनी अलग वेशभूषा मेें देखे जा सकते हैं। भगोरिया पर्व की धूम भारत में ही नहीं विदेशों तक है, इसलिए इन हाट बाजारों में देशी और विदेशी मेहमान भी बडी संख्या मेें पहुंचते हैं।

राजनीतिक दल भी पहुंचते हैं भगोरिया में

इस साल भगोरिया पर्व को लेकर सरकार भी जागरूक नजर आ रही है आलीराजपुर में जिला प्रशासन द्वारा भगोरिया नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है और प्रथम आने वाले दल को 5000 हजार रुपए पुरस्कार दिया जायेगा ।

वहीं प्रदेश भाजपा व प्रदेश सरकार भगोरिया हाट बाजारों को विशेष महत्व का दर्जा देने जा रही है भगोरिया हाट बाजारों में भाजपा के मंत्री, विधायक, सांसद और पार्टी संगठन के पदाधिकारियों को वनवासियों के बीच भेजा जा रहा है । और आदिवासी समाज को यह मैसेज देने की कोशिश की जा रही है की प्रदेश भारतीय जनता पार्टी हर पल उनके साथ है।

हालांकि कांग्रेस भी इन भगोरिया हाट बाजारों में कोई कसर नहीं छोड़ती उसके नेता भी पहुंचते है और गेर आदि निकाली जाती है। भगोरिया हाट बाजारों में दोनों ही दल खाने पीने का इंतजाम भी करते है।

यहां मनता है भगोरिया

प्रदेश मेें भगोरिया झाबुआ, आलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन आदि जिलो में भरते है। इनमें झाबुआ और आलीराजपुर जिले के भगोरिया हाट बाजारों को लेकर लोगों में बहुत अधिक उत्साह रहता है इस साल बड़ी संख्या मेें भोपाल, इंदौर आदि स्थानों से पत्रकारों के दल भी भगोरिया हाट बाजारों को देखने झाबुआ और आलीराजपुर पहुंचने वाले है।

समय के साथ आने लगा बदलाव

समय के साथ साथ भगोरिया हाट बाजारों में सांस्कृतिक पहनावे अब आधुनिकता के रंग में रंगते हुए दिखाई पडऩे लगे है। लेकिन डेढ़ गांव के आदिवासी भगोरिया पर्व आज भी अपनी संस्कृति में रंगे ही दिखलाई पड़ते है। कुछ लोग निमाड़ी संस्कृति में भगोरिया को भोगंर्या भी कहते है। भगोरिया पर्व आदिवासी युवक व युवतियों के लिये भी खास महत्व रखते है जबकी इस दिन वे अपने पंसदीदा जीवन साथी का चुनाव करते है। भगोरिया के रंग में रंगे ये युवक युवतियां पान खिलाकर या रंग लगाकर अपने प्रेम का इजहार करते देखे जा सकते है।

प्रशासन ने कसी कमर

इन भगोरिया हाट बाजारों को लेकर पुलिस व जिला प्रषासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है। सुरक्षा के लिहाज से भगोरिया हाट बाजारों में व्यवस्थाऐं की जाना आवश्यक होता है क्योंकि आदिवासी पंरम्परा के अनुसार जब कभी भगोरिया हाट बाजारों में आपसी दुश्मन दो दलों के लोग आमने सामने आ जाते तो फिर खून खराबा भी हो जाता है। यदा कदा भगोरिया हाट बाजारों में इस प्रकार की घटनाऐं देखने को मिल जाती है इस लिए सुरक्षा के इंतजाम करना होते है दूसरी और भगोरिया हाट बाजार में ताड़ी, महुआ की शराब और देशी विदेशी शराब की दुकानों पर भी भारी भीड रहती है। इस कारण भी सुरक्षा के इंतजाम करना होते हे। भगौरिया हाट बाजारों को लेकर सुदूर गांवों में ढोल की थाप और बांसुरी की तान की मधुर स्वर ध्वनिया सुनाई देने लगी है।

फसल पकने का उत्साह और आदिवासी समाज में विवाह की धूम भी इन दिनों रहती है इन्ही सब कारणों को लेकर भगोरिया हाट बाजारों खूब रौनक देखने को मिलती है। इस साल भगोरिया हाट बाजारों में देशी और विदेशी मेहमानों के भी बडी संख्या मेें आने की संभावना है। भगौरिया की मस्ती का लुप्त लेना चाहते है तो ऐसे पर्यअकों को इन दिनों झाबुआ और आलिराजपुर जिलों की और भ्रमण का रोड मैप तैयार अवश्य करना चाहिए।

कब कहां लगेंगे भगोरिया हाट

  • 11 मार्च, शुक्रवार को प्रथम भगोरिया हाट झाबुआ जिले में भगोर, मांडली, बेकल्दा, कालीदेवी एवं आलीराजपुर जिले में वालपुर, क_ीवाड़ा, उदयगढ़
  • 12 मार्च, शनिवार को झाबुआ जिले में मेघनगर, रानापुर, बामनिया, झकनावदा एवं आलीराजपुर जिले में नानपुर, उमराल, बलेड़ी,
  • 13 मार्च रविवार को झाबुआ जिले में झाबुआ, ढोलियावाड़, रायपुरिया, काकनवानी एवं आलीराजपुर जिले में छकतला, सोरवा, आमखुट, कनवाड़ा, कुलवट, झीरन,
  • 14 मार्च, सोमवार को झाबुआ जिले में पेटलावद, रंभापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर, रजला, मेड़वा एवं आलीराजपुर जिले में आलीराजपुर, आजादनगर एवं बड़ागुड़ा,
  • 15 मार्च, मंगलवार को झाबुआ जिले में पिटोल, थांदला, खरड़ू, तारखेड़ी, बरवेट एवं आलीराजपुर जिले में बखतगढ़, आंबुआ, अंधरवाड़,
  • 16 मार्च, बुधवार को झाबुआ जिले में करवड, बोड़ायता, कल्याणपुरा, मदरानी, ढेकल, माछलिया, उमरकोट एवं आलीराजपुर जिले में बरझर, चांदपुर, खट्टाली, बोरी,
  • 17 मार्च गुरूवार को अंतिम भगोरिया झाबुआ जिले में पारा, चैनपुर, समोई, हरिनगर, सारंगी तथा आलीराजपुर जिले में सोंडवा, जोबट और फुलमाल में संचालित होगा।

Next Post

351 दिन में 305 रूपये बढ़ गए गैस सिलेंडर के दाम

Wed Mar 9 , 2022
कांग्रेसियों ने दिया नारा ‘अबकी बार महंगाई की मार, भगाओ मोदी सरकार’ उज्जैन, अग्निपथ। इस वर्ष मोदी सरकार ने 351 दिनों में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 305 रूपये बढ़ा दिये, जो गैस सिलेंडर का भाव कांग्रेस सरकार में 450 रूपये था वह अब 980 में मिल रहा है। कमर्शियल […]