कलेक्टर ने एडीएम से करवाई जांच
उज्जैन, अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 6 प्रहरी मंगलवार दोपहर कलेक्टर आशीष सिंह के पास जेल अधीक्षक उषा राजे की शिकायत लेकर पहुंच गए। इन प्रहरियों का आरोप था कि उन्हें द्वेषता पूर्वक उज्जैन से बडऩगर ट्रांसफर किया गया, दो महीने भी नहीं बीते और वापस उज्जैन बुला लिया गया। प्रहरियों की शिकायत के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने दोपहर में एडीएम संतोष टेगौर और एएसपी आकाश भूरिया को भैरवगढ़ जेल का निरीक्षण करने भेजा।
मंगलवार को बृहस्पति भवन में जनसुनवाई के दौरान जेल प्रहरी कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंचे थे। प्रहरी सन्नी गेहलोत, उपेंद्र चाहर, विशाल प्रजापति, अमित शर्मा, मन्नूलाल मीणा, रवि गोयल ने आरोप लगाया कि जेल अधीक्षक उषा राजे ने उनका उज्जैन से बडऩगर ट्रांसफर किया, प्रहरी बडऩगर जाकर शिफ्ट हुए और दो महीने के भीतर ही उन्हें वापस उज्जैन जेल में पदस्थ कर दिया गया।
प्रहरियों का आरोप था कि बार-बार ट्रांसफर की वजह से उनका परिवार भी अवसाद झेल रहा है। प्रहरियों ने यह भी आरोप लगाया कि जेल में कुछ प्रहरी 20-20 साल से एक ही जगह पर पदस्थ है, उन्हें नहीं हटाया गया। कलेक्टर ने जेल प्रहरियों की समस्या को समझा और उसे हल करने का आश्वासन दिया। प्रहरियों के वापस लौट जाने के बाद कलेक्टर ने एडीएम संतोष टैगौर और एएसपी आकाश भूरिया को जेल का निरीक्षण करने के लिए रवाना किया।
दोपहर करीब 2.30 बजे दोनों ही अधिकारी जेल पहुंचे। एडीएम ने जेल के प्रहरियों और बंदियों से भी बात की। दोनों ही अधिकारी करीब 45 मिनिट तक जेल परिसर में रूके। इसके बाद शाम को कलेक्टर को निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की।
हमने कुछ गलत नहीं किया
जेल प्रहरियों के आरोपों के संबंध में जेल अधीक्षक उषा राजे ने कहा- मैने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जेल मुख्यालय से ही यह निर्देश है कि उज्जैन केंद्रीय जेल से प्रहरियों को पदस्थ कर बडऩगर जेल का संचालन किया जाए। इसी क्रम में कुछ-कुछ अवधि के लिए उज्जैन जेल से प्रहरी बडऩगर भेजे जाते है। जेल अधीक्षक ने कहा कि स्टाफ में किसी भी प्रहरी या अन्य कर्मचारी को प्रताडि़त करने जैसा आरोप मिथ्या है।