हाथों में तख्तियां लिये पहुंचे आबकारी विभाग, कोठी-कहा, हर हाल में कलाली हटाओ
उज्जैन, अग्निपथ। केडी गेट स्थित शराब दुकान हटाए जाने की मांग को लेकर बुधवार को मध्यप्रदेश कुरेशियान जमात, कुरैशी समाज, मालवीय समाज, मिरासी समाज, भिश्ती समाज, प्रजापत समाज, बोहरा समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया।
कलाली हटाने की मांग को लेकर हाथों में तख्तियां लिये लोग रैली के रूप में निकले तथा कलेक्टर के नाम तहसीलदार सुदीप मीणा और आबकारी विभाग में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।
2001 से केडी गेट शराब दुकान हटाने के लिए आंदोलन कर रहे मो. मुख्त्यार कुरैशी ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे ने 2017 में कलाली को बंद करने के आदेश दे दिये थे, जिसके बाद एक सप्ताह तक यह कलाली बंद रहीं लेकिन बाद में फिर रिहायशी इलाके में यह शराब दुकान चालू कर दी गई।
पिछले 3-4 सालों से भी अधिकारी कलाली हटाने का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन अब ठोस कार्रवाई करने हेतु एकजुट हुए वार्ड 13 के रहवासी फिर विभिन्न समाज संगठनों के साथ लामबंद हुए। रहवासियों ने कहा कि अब हर हाल में शराब दुकान हटाना है, जिसके लिए चाहे धरना प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान या उग्र प्रदर्शन क्यों न करना पड़े।
रहवासियों ने कहा कि जिस क्षेत्र में दुकान का संचालन हो रहा है और नए साल में होने जा रहा है वह पूरा क्षेत्र रहवासी क्षेत्र हैं, आसपास मंदिर है, मस्जिद हैं, जमातखाना और मजदूर वर्ग की बस्ती है। 1 अप्रैल से पाक रमजान महिना शुरू हो रहा है ऐसे में लोगों को शराब की दुकान के सामने से होकर निकलना पड़ता है, यहां शराबियों की भीड़ लगी रहती है जिस कारण रमजान महीने में मस्जिदों तक आने जाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
कलाली नहीं हटी तो करेंगे आत्मदाह
कांग्रेस नेता मुजीब सुपारीवाला ने कहा कि जिला आबकारी की गुंडागर्दी के कारण हमारी मांगे नहीं मानी जा रही है, केडी गेट पर जहां कलाली है वहां से शवयात्राएं भी निकलती है, कब्रिस्तान है, रामघाट का रास्ता है। वहीं रमजान का महीना प्रारंभ हो गया है, शराब के नशे में लोग होश खो बैठते हैं, जिससे विवाद होते हैं।
वर्तमान में जिला प्रशासन से मांगे मनवाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है, प्रशासन को आग्रह करने के लिए जिला आबकारी विभाग के सोये जमीर को जगाने के लिए ज्ञापन दिया, हमारी मांग नहीं मानी तो आगे चलकर उग्र आंदोलन करेंगे, उज्जैन बंद करेंगे, नहीं माने तो आत्मदाह भी करेंगे उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन और जिला आबकारी विभाग रहेगा।