थांदला, अग्निपथ। नगर परिषद द्वारा जनधन का दुरूपयोग करते हुए केशव उद्यान को उजाड़ कर बनाई गई सडक़ को बचाने के लिये नया पैतरा आजमाने की कोशिष भारी पड़ती नजर आ रही है। गौरतलब है कि केशव उद्यान में बनाई गई सडक़ को प्रशासन ने जनधन का दुरूपयोग व आमजन के लिये अनुपयोगी मानते हुए तोडऩे के आदेश दिये उसके बाद नगर परिषद ने उक्त मार्ग को बचाने के लिये प्रस्तावित सामुदायिक भवन बनाने की सुगबुगाहट प्रांरभ कर दी।
जिसकी सूचना मिलते ही नगर के आदिवासी समाज व जनजाती युवाओं का आक्रोश सामने आया। बुधवार को आदिवासी समाज के युवाओं ने शमशान भूमि के पास समाज का सामुदायिक भवन बनाने का विरोध करते हुए अनुविभागीय अधिकारी अनिल भाना को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि नगर परिषद द्वारा वर्ष 2014 मे वार्ड क्रमांक 14 मे वागडिया फलिया के पास स्थित शासकीय भूमि सर्वे नं. 49 पर आदिवासी समाज के लिये सामुदायिक भवन बनाने की अनापत्ति देते हुए उक्त स्थान पर आदिवासी समाज का सामुदायिक भवन बनाने के लिये कलेक्टर को प्रस्ताव भेजकर भूमि की मांग की थी, लेकिन वर्तमान परिषद मनमाने तरीके से केवल एक पार्षद के कहने पर शमशान के पास समाज का सामुदायिक भवन बनाना चाहते हैं जिससे समाज के लोगों को कोई फायदा नहीं मिलेगा।
केशव उद्यान के पीछे नवनिर्मित कालोनी के कालोनाईजर को इसका लाभ अवश्य होगा जिसका आदिवासी समाज पूरजोर विरोध करता है। आदिवासी समाज के प्रतिनिधि दिलीप डामोर व लखन भगोरा ने बताया कि आदिवासी समाज के लिये सामुदायिक भवन बनाने से पहले परिषद को समाज के लोगों से राय मशवरा करना था तथा पिछली परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव का अवलोकन करना था एक पार्षद सम्पूर्ण समाज का प्रतिनिधि नहीं होता है जिसके कहने पर सामुदायिक भवन अन्यत्र बनाया जा रहा है।
समाज के विरोध के बाद भी नगर परिषद केशव उद्यान के पीछे सामुदायिक भवन बनाती है तो सम्पूर्ण आदिवासी समाज आन्दोलन करेगा व निर्माण स्थल पर ही धरना देगा। उल्लेखनीय है कि सामुदायिक भवन के नाम पर नगर परिषद ने केशव उद्यान के तीनों तरफ सीमेन्ट कांक्रीट रोड का निर्माण कर दिया। लेकिन तीन वर्ष बाद भी सामुदायिक भवन का निर्माण नहीं किया है। इस अवसर पर मोहनसिंह भूरीया कोटवाल, दिलीप डामारे, लखन भगोरा, मुकेश, रजनीकांत आदि समाजजन उपस्थित थे।