कलेक्टर ने मंदिर समिति की बैठक में विचार कर निर्णय लेने को कहा
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में तडक़े 4 बजे होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं को चलित दर्शन कराए जाएंगे। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि आगामी दिनों में होने वाले मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में विषय को रखकर इस पर मोहर लगाई जाएगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्तमान में ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुमति जारी की जा रही हैं। अनुमति धारी व्यक्ति को ही भस्म आरती देखने की अनुमति है, जिसके चलते हजारों लोग भस्म आरती देखने से प्रतिदिन वंचित रह जाते हैं। यहां तक कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी भस्मारती की अनुमति नहीं मिल पाती है और वह दलालों के चंगुल में आकर अपना पैसा गंवा देते हैं।
बताया जाता है कि मंदिर समिति चलित भस्म आरती पर विचार कर रही है। जिसमें श्रद्धालुओं को ना तो कोई अनुमति करवानी होगी और ना ही कोई शुल्क चुकाना पड़ेगा। सामान्य रूप से आईडी दिखाकर प्रवेश मिल जाएगा और चलित रूप से दर्शन करते हुए बाहर निकल जाएंगे।
ज्ञात रहे कि मंदिर समिति के पास भस्म आरती में इतनी बैठक व्यवस्था नहीं है कि वह हजारों श्रद्धालुओं को एक साथ भस्म आरती दर्शन करवा सके। सिंहस्थ- 2016 में इस तरह से चलित भस्म आरती दर्शन करवा कर लाखों श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया था।
क्षमता दो हजार से ज्यादा नहीं
फिलहाल ऑनलाइन और ऑफलाइन लगभग 1600 श्रद्धालुओं को भस्मारती अनुमति जारी की जा रही है। कार्तिकेय और गणपति मंडपम में श्रद्धालुओं को 2 की संख्या से अधिक नहीं बैठाया जा सकता। ऐसे में हजारों श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन से वंचित रह जाते हैं।
गणपति-कार्तिकेय मंडपम के पीछे के बैरिकेट्स से दर्शन
मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं को फिलहाल अनुमति के आधार पर भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। लेकिन आगामी दिनों में चली दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। दोनों व्यवस्था एक साथ चलेंगी। श्रद्धालुओं को कार्तिकेय और गणपति मंडपम के पीछे के तीन बैरिकेड खाली करवाकर चलित रूप से दर्शन कराए जाएंगे। ऐसे लोग जिनको शीघ्र भस्म आरती की व्यवस्था चाहिए रहती है। उनके लिए लाभकारी होगा। वह चलित दर्शन कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकेंगे।