श्रमिकों ने लगाई है अवमानना याचिका
उज्जैन, अग्निपथ। विनोद मिल में काम करने वाले श्रमिकों के भुगतान से जुड़े मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। मिल के श्रमिकों की ओर से शासन के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई गई है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद ढाई साल से ज्यादा समय से श्रमिकों को उनका बकाया भुगतान नहीं मिल सका है। इसी को लेकर श्रमिक फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लिए उज्जैन मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश भदौरिया, कोषाध्यक्ष संतोष सुनहरे, हाइकोर्ट में श्रमिकों का पक्ष रखने वाले एड्वोकेट धीरज सिंह पंवार दिल्ली पहुंचे है। विनोद मिल के 4 हजार 353 श्रमिकों का करीब 88 करोड़ रूपया बकाया है। 27 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल की अवधि में सभी श्रमिकों का बकाया भुगतान करने के लिए राज्यशासन को निर्देश दिए थे।
दो साल की अवधि में शासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई। 30 जुलाई 2021 को श्रमिकों ने फिर से कोर्ट में गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शासन से श्रमिकों की बकाया रकम का 10 प्रतिशत हिस्सा जमा कराने के बाद शासन को भुगतान के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिया था। यह अवधि भी 31 जनवरी 2022 को पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय अवधि को गुजरे भी ढाई महीने बीत चुके है। यही वजह है कि मिल श्रमिक फिर से सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचे है।