उज्जैन, अग्निपथ। गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड के प्लांट पर लगी आग लगभग 16 घंटे की मशक्कत के बाद गुरूवार सुबह काबू पाया जा सका है। आग बुझ जाने के बाद भी कर्मचारी धुएं की वजह से प्लांट के भीतर नहीं जा सके लिहाजा यहां हुए नुकसान का आंकलन नहीं किया जा सका है।
आगजनी की इस घटना में लाखों रूपए कीमत का रिफ्यूज डिराइज्ड फ्यूल(आरडीएफ) जलकर नष्ट हो गया है, इसके अलावा प्री-सेग्रिगेशन मशीन को भी नुकसान पहुंचा है। ट्रेचिंग ग्राउंड प्लांट पर 40 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है, गनीमत रही कि इनमें से कोई हताहत नहीं हुआ।
चिंतामण जवासिया के पास गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में बुधवार की शाम करीब 6 बजे भीषण आग लग गई थी। फायर फायटर जब तक यहां पहुंचता आग ने भीषण रूप ले लिया था, आग की लपटो ने प्लांट को भी चपेट में ले लिया था। बुधवार शाम से लेकर गुरूवार सुबह तक प्लांट और ट्रेचिंग ग्राउंड पर आग बुझाने का काम चलता रहा। 6 फायटर्स और 40 वॉटर लॉरियों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश पूरी रात चलती रही।
गुरूवार सुबह करीब 10 बजे तक प्लांट से उठ रही लपटों पर तो काबू पा लिया गया लेकिन धुआं लगातार उठता रहा। गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर शहर से हर रोज एकत्रित होने वाले करीब 150 टन गीले कचरे और 50 टन सूखे कचरे को लाया जाता है। ट्रेचिंग ग्राउंड और प्लांट पर गीले कचरे से खाद बनाई जाती है जबकि सूखा कचरा को निष्पादित कर आरडीएफ (कोयले का विकल्प) बनाया जाता है।
ट्रेचिंग ग्राउंड के प्लांट पर आरडीएफ में ही आग लगी, लिहाजा इसे बुझाने में काफी मशक्कत करना पड़ी। उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के डायरेक्टर ऋषभ सुराना कहते है कि यहां हुए नुकसान का आंकलन नहीं निकाला जा सका है। प्लांट के भीतर जाने के बाद ही नुकसान की स्थिति साफ हो सकेगी।