सूचना मिलते ही स्थानीय श्रद्धालुओं की बढ़ जाती है भीड़, बंद करने पड़ते हैं दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दो दिन से लगातार सामान्य श्रद्धालुओं को गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन करवाए जा रहे हैं। यह व्यवस्था उस समय फेल हो जाती है जब स्थानीय श्रद्धालु अपने परिचितों को इसकी जानकारी दे देते हैं और मंदिर में भीड़ बढ़ जाती है। मजबूरन मंदिर प्रशासन को बाहर से दर्शन करना पड़ते हैं।
गर्मी के चलते मंदिर में सीमिति संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आ रहे हैं। ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा विगत दो दिन से सामान्य श्रद्धालुओं को गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन करवाए जा रहे हैं। बुधवार को दोपहर 1 से 4 बजे तक दर्शन करवाए गए। वहीं गुरुवार को दोपहर 1 से 3 बजे तक दर्शन सामान्य श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के किए। लेकिन यह व्यवस्था उस समय फेल हो रही है, जब स्थानीय श्रद्धालु अपने परिचितों और मंदिर के आसपास वालों को इसकी सूचना देकर व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं। गुरुवार को यही हुआ। दोपहर 3 बजे के बाद अचानक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई और मजबूरन मंदिर प्रशासन को दर्शन बंद करना पड़े।
सबसे अधिक नुकसान बाहरी श्रद्धालुओं को
महाकालेश्वर मंदिर में बाहरी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन को आते हैं। उनको भगवान महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने 1500 रुपए अभिषेक टिकट की व्यवस्था दी है। लेकिन सभी इसको अफोर्ड नहीं कर सकते। लिहाजा स्थानीय श्रद्धालु तो मौका पाकर भगवान महाकाल के नि:शुल्क दर्शन कर जाते हैं। लेकिन इनके कारण वे बाहरी श्रद्धालु जो शुल्क वहन नहीं कर सकते, दूर से ही भगवान महाकाल के दर्शन कर रवाना हो जाते हैं।
महाकाल को चांदी के चौरस दान
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन हेतु पधारे उज्जैन निवासी श्रद्धालु लीलाधर ने लगभग 1.103 ग्राम चांदी की 2 सिल्ली भगवान महाकाल को अर्पित की। साथ ही शरद शर्मा द्वारा 1 किलो 31 ग्राम चांदी की 2 सिल्ली भी अर्पित की गईं। जिसे मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल द्वारा प्राप्त कर दानदाता को प्रसाद भेंट कर विधिवत रसीद प्रदान की गई। इस दौरान प्रभारी अधिकारी दर्शन व्यवस्था श्रीमती रजनी खेर भी उपस्थित थी।