भारत सरकार, नेताओं की कारें सीधे पहुंच रहीं पार्किंग की जगह मैदान में
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर विस्तारीकरण कार्य के चलते वैसे ही जगह नहीं है। रही सही कसर अधिकारियों सहित नेताओं की कारें पूरी कर रही हैं। प्रशासनिक भवन के सामने ढेरों कारें पार्किंग के रूप में खड़ी नजर आती हैं। इनकी जगह माधव सेवा न्यास की पार्किंग में इन कारों को खड़ा करवाया जाए तो श्रद्धालुओं का आवागमन में काफी सहूलियत होगी।
महाकालेश्वर मंदिर विस्तारकरण का कार्य काफी तेजी से पूरा किया जा रहा है। क्योंकि आगामी दिनों में 29 मई को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और जून माह की 15 या 16 तारीख को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन होना है। ऐसे में तेजी से विस्तारीकरण कार्य को निपटाने के लिए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा लगातार दौरे किए जाकर कामों की मानिटरिंग की जा रही है।
इसी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंदिर के आगामी वीआईपी गेट को बंद कर इनका प्रवेश प्रशासनिक भवन के सामने से फेसिलिटी सेंटर और निर्माल्य गेट से शुरू किया है। लेकिन रसूख रखने वाले भारत सरकार के अधिकारी और सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं के लोग लगातार अपने चौपहिया वाहन लेकर प्रशासनिक भवन के सामने के खुले मैदान में अपने वाहनों की पार्किंग कर रहे हैं। जबकि उनको यह वाहन माधव सेवा न्यास की पार्किंग में रखे जाना चाहिएं। अपने रसूख का दुरुपयोग कर भारत सरकार के अधिकारियों की बड़ी संख्या में कारें यहां पर ही पार्किंग हो रही हैं।
पार्किंग शुल्क लगेगा इसलिए नहीं खड़ा करते वाहन
यहां पर वाहनों को रोकने के लिए एक सुरक्षाकर्मी तो तैनात रहता है, लेकिन उपर से आदेश नहीं होने के कारण इन चौपहिया वाहनों को रोक जाना आसान नहीं रहता है। उपर से भारत सरकार और पुलिस का टैग लगे वाहन जब सामने से प्रवेश करते हैं तो कोई भी इनको रोकने की जहमत उठाना गंवारा नहीं करता है। ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा कोई सार्थक पहल कर इन वाहनों को रोका जाना चाहिए। अन्यथा प्रशासनिक भवन के सामने वाला मैदान इन वाहनों का पार्किंग स्टैंड बन जाएगा। वहीं माधव सेवा न्यास में इन वाहनों का पार्किंग शुल्क लगता है, जिसको देना गंवारा भारत सरकार के अधिकारी और पुलिस अथवा सत्ता पक्ष्रा के नेता नहीं करते हैं।
प्रशासनिक भवन के सामने ठंडा पेयजल नदारद
वीआईपी, 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धाीियों का प्रवेश अब प्रशासनिक भवन के सामने से कर दिया गया है। लेकिन यहां पर भीषण गर्मी में ठंडे पेयजल की व्यवस्था कहीं से कहीं तक नहीं की गई है। केवल प्रवेश करने के बाद फेसलिटीें सेंटर में श्रद्धालुओं को ठंड पानी नसीब होता है अथवा निर्माल्य गेट के आगे एक मशीन ठंडे पानी की रखी गई है। ऐसे में श्रद्धालु परेशान होते हुए भगवान महाकाल के दर्शन करता है और बाहर निकलकर ठंडे की तलाश में लग जाता है।