कांडला पोर्ट पर फंसे उज्जैन के 300 से ज्यादा ट्रक हो सकेंगे खाली
उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी के अनाज व्यापारियों को केंद्र सरकार के एक फैसले ने बुधवार को मामूली राहत दी है। गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद अब सरकार ने फैसला किया है कि 13 मई तक हुए सौदों का गेंहू निर्यात से नहीं रोका जाएगा। इस निर्णय के बाद उज्जैन से कांडला पोर्ट पर पहुंचे करीब 300 ट्रकों में लदा गेंहू पोर्ट पर लोड हो सकेगा। निर्यात पर प्रतिबंध के फैसले के विरोध में बुधवार को भी कृषि उपज मंडी बंद रही।
कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने मंगलवार और बुधवार को मंडी में कारोबार बंद रखा। व्यापारी केंद्र सरकार द्वारा गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से नाराज है। रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से इस सीजन में भारतीय बाजार के गेंहू की विदेशों में अच्छी डिमांड है। यहीं वजह रही कि ज्यादातर व्यापारियों ने गेंहू उंचे दाम पर विदेशों में भेजा। किसानों को भी इस बार गेंहू की उपज के अच्छे दाम मिले। देश में गेंहू का स्टाक बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने एकाएक गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उज्जैन से मिल क्वालिटी का गेंहू बड़ी मात्रा में विदेशों में निर्यात किया जा रहा था। केंद्र द्वारा एकाएक लिए गए फैसले के बाद उज्जैन से कांडला पोर्ट पर पहुंचे करीब 1 हजार ट्रक वहीं फंस कर रह गए है। इन ट्रकों की अनलोडिंग ही नहीं हो पाई है। मंडी व्यापारियों की माने तो जिले का करीब 5 लाख क्विंटल गेंहू पोर्ट पर ट्रकों में ही लोड खड़ा है। अब जबकि सरकार ने 13 मई तक हुए सौदों का गेंहू नहीं रोकने का फैसला कर लिया है,ऐसे में पोर्ट पर फंसे कुछ ट्रक खाली हो सकते है जबकि 13 मई के बाद हुए सौदों का गेंहू व्यापारियों को वापस बुलाना पड़ेगा।