1 मृत और 3 जीवित किसानों की जमीन पर चना उपार्जन पंजीयन का फर्जी खेल
देवास, अग्निपथ। जिले की खातेगांव तहसील अंतर्गत शासकीय समर्थन मूल्य संस्था अजनास द्वारा व्यापारी की मिली भगत कर ग्राम मालसगोदा के चार आदिवासी किसानों की जमीन के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर व्यापारी द्वारा अपना बैंक खाता लगाकर बिना किसानों की मर्जी से पंजीयन करवाने का मामला सामने आया। पीडि़त किसानों ने कलेक्टर को फोन पर शिकायत की और कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला ने खातेगांव तहसीलदार को किसानों के गांव पहुंचकर पंचनामा बनाने का आदेश दिया।
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा, हम चार कृषि भूमि खाता धारक में 1 मृत एवं 3 जीवित आदिवासी किसान है। हमारी कृषि भूमि के दस्तावेज का इस्तेमाल कर अन्य व्यापारी द्वारा शासकीय समर्थन मूल्य संस्था से मिली भगत कर फर्जीवाड़ा कर समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेच रहा है। शासकीय समर्थन मूल्य संस्था का रिकॉर्ड जांच कर संबंधित सभी लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाये।
हम प्रार्थी किसान शिव लाल पिता बालू जाति कोरकू (सन 2018 में मृत्यु हो चुकी है) जिसकी कृषि भूमि ग्राम माल से गोदा तहसील खातेगांव जिला देवास मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग में सर्वे नं 69/3, 138/3, 139/2, 143/1, 145/1, 491/1 कुल रकबा 2.43 हेक्टीयर लगान 4.09 रु. स्थित है। सुबेह सिंह पिता शिवलाल जाति कोरकू जिनकी कृषि भूमि ग्राम मालसगोदा तहसील खातेगांव जिला देवास मध् प्रदेश के राजस्व रिकॉर्ड में सर्वे नंबर 138/2 कुल रकबा 1.60 हेक्टीय लगान 2.64 रु. स्थित है। रघुवीर सिंह शिवलाल जाति कोरकू जिसकी कृषि भूमि ग्राम मालसगोदा तहसील खातेगांव जिला देवास मध्यप्रदेश के राजस्व रिकार्ड में सर्वे नं, 139/3, 145/2 कुल रकबा 1.60 हेक्टीयर लगान 2.64 स्थित है। देवकरण पिता मांगीलाल जाति कोरकू जिसकी कृषि भूमि ग्राम मालसगोदा तहसील खातेगांव जिला देवास मध्य प्रदेश के राजस्व रिकॉर्ड में सर्वे नंबर 140/2, 140/3, 140/4 कुल रकबा 3.87 हेक्टीयर, लगान 6.043 रुपए स्थित है। हम सभी किसान आदिवासी (आ.ज.जा.) समाज से आते हैं। चारो ग्राम मालसगोदा तहसील खातेगांव जिला देवास मध्य प्रदेश में निवास करते हैं।
हम चारों किसानों की कृषि भूमि का आज तक कोई भी शासकीय चना उपार्जन समर्थन मूल्य एवं अन्य फसलों का पंजीयन नहीं करवाया गया है और ना ही फसलें भेजी गई। हम सभी किसानों की ओर से आज तक किसी प्रकार से हमारी कृषि भूमि को किसी अन्य व्यक्तियों को बटाई, खोट, गिरवीनामा नहीं दी गई है और ना ही बेची गई है।
जबकि शिवलाल पिता बालू की सन 2018 में ही मृत्यु हो चुकी है। और सुबेसिंह सिंह पिता शिवलाल का तकनीकि त्रुटि से आधार कार्ड नहीं बना हुआ है। उसके बाद भी कृषि भूमि के दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा कर शासकीय चना उपार्जन मूल्य पर फसलें भेची जा रही है, जिसमें व्यापारी द्वारा हमारे दस्तावेज को लगाकर व्यापारी स्वयं के बैंक खातों को जोडकऱ कई वर्षों से धोखे से लाभ उठा रहा है। इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों के खिलाफ एवं क्षेत्र में संचालित शासकीय समर्थन मूल्य संस्था का रिकॉर्ड जांच कर उचित कार्रवाई करें। इस निष्पक्ष जांच और कार्रवाई से क्षेत्र के हजारों किसानों को बचाया जा सकता है। जांच और कार्रवाई से क्षेत्र के और भी सैकड़ों किसानों का नाम सामने आ सकता है, जो भ्रष्टाचारी का शिकार हो रहे हैं। किसानों ने कलेक्टर, एसपी, थाना खातेगांव, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, जनजाति विभाग एवं समस्त आदिवासी संघठनों के नाम जांच के लिए ज्ञापन सौंपा।