कांग्रेस के संभागीय प्रभारी सज्जन वर्मा बोले- शहर में ही तय होंगे पार्षदों के टिकट
उज्जैन, अग्निपथ। नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के लिए उम्मीदवारों के नाम शहर के स्तर पर ही तय दिए जाएंगे। टिकिट पाने के लिए किसी को दिल्ली या भोपाल जाने की जरूरत नहीं होगी। पार्षद पद के टिकिट ऐसे शख्स को दिए जाएंगे जिसकी रगो में कांग्रेस का खून बहता हो, भले ही वह कांग्रेस में बड़े स्तर पर किसी भी नेता से जुड़ा हो।
यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का। सज्जन वर्मा को हाल ही में कांग्रेस ने निकाय और पंचायत चुनाव के लिए उज्जैन संभाग का प्रभारी बनाया है। एआईसीसी से उज्जैन संभाग के प्रभारी कुलदीप इंदौरा और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा गुरूवार को शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया के पदभार ग्रहण समारोह में भाग लेने आए थे। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने साफगोई से अपनी और अपनी पार्टी की बात रखी। उज्जैन निकाय चुनाव में पार्षद पद के उम्मीदवारों के चयन के मुद्दे पर सज्जन वर्मा ने कहा कि कांग्रेस में इस बार स्थानीय स्तर पर ही उम्मीदवारों का चयन हो जाएगा। जो शख्स कांग्रेस के प्रति समर्पित है उसे ही टिकिट दिया जाएगा भले ही वह हारे या जीते। उन्होंने कहा कि हमारा वचन पत्र भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा। यहीं की कमेटी वचन पत्र तय करेगी। महापौर पद के उम्मीदवार से जुड़े सवाल को सज्जन वर्मा ने हंसी-मजाक में टाल दिया। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को मौका देने जा रही है।
सज्जन के बेबाक बोल
- महिला वोट बैंक पर- महिला शक्ति को आज तक कोई कैप्चर नहीं कर सका है। जो यह सोचते है, उनका भ्रम है। वैसे भी मध्यप्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है, अपरहरण औैर बलात्कार में नंबर वन बन गया है।
- कपिल सिब्बल पर- उस आदमी को चांदनी चौक सीट से टिकिट लड़ा दो जमानत न जब्त हो जाए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। दो कोड़ी की औकात है उसकी, कल जाता है तो आज चला जाए। ऐसे आदमी जिनके दरवाजे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा बंद रहते है वे क्या पार्टी का भला करते।
- पिछडा वर्ग आरक्षण पर- भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वासघात किया है। कमलनाथ जी की सरकार के समय हमने अध्यादेश लाकर पिछडा वर्ग को 27 प्रतिशत और सामान्य निर्धन वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण तय किया था। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने तो उल्टे पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कम करवा दिया।
- किसानों के मुद्दे पर- इस बार निर्यात अच्छा होने से किसानों को गेंहू के दाम अच्छे मिलने लगे तो अडाणी-अंबानी के कहने पर केंद्र सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। गेंहू के दाम नीचे गिरकर 1500 रूपए तक आ गए। यह तो किसानों के साथ सीधे-सीधे धोखा है।
- घपले-घोटालो पर- कांग्रेस की सरकार के समय हमने ई-टेंडरिंग घोटाला, सिंहस्थ घोटाला और इस जैसे तमाम घोटालों की फाइलों को सदन के पटल पर रखने की तैयारी की थी। दुर्भाग्य से हमारी सरकार नहीं बची लेकिन कागज हमेशा जिंदा रहते है। जब भी हमारी सरकार आएगी घोटाले करने वालों को जेल जाना पड़ेगा।
- संगठन एकजुटता पर- मैं, कुलदीप इंदौरा और तमाम लोग यहां यहीं मैसेज देने आए है कि कांग्रेस का जो ध्वज रवि भदौरिया के हाथ में है, उसी के नीचे सभी कांग्रेसियों को एकजुट होकर खड़े रहना पड़ेगा। यह सीधे-सीधे इंडिकेशन है।
- दल बदलुओं पर- राजा-महाराजा तक बिकने लगे। डा. अंबेडकर को उस वक्त इसका आभास नहीं था। उन्होंने तो संविधान में केवल जनप्रतिनिधि की मृत्यु की स्थिति में ही उपचुनाव का प्रावधान किया था। उन्हें पता होता तो उसी वक्त संविधान में एक धारा ओर बढ़ा देते।
- विधानसभा उपचुनाव पर- कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में 70 ऐसी सीटें तय कर ली है जहां हम चुनाव से 6 महीने पहले उम्मीदवार तय देंगे। पार्टी अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है।