उज्जैन। उज्जैन नगर निगम की ओर से श्रम न्यायालय में केस लडऩे वाले वकील हेमचंद नाइक को शुक्रवार को नगर निगम से कार्यमुक्त कर दिया गया है। नाइक तीन साल तक श्रम न्यायालय में नगर निगम के वकील रहे लेकिन उनके कार्यकाल में श्रम न्यायालय से नगर निगम के पक्ष में एक भी फैसला नहीं आया।
नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ३१ मई को ही प्रशासक सह संभागायुक्त संदीप यादव से एडवोकेट हेमचंद नाइक को हटाने की अनुमति ले चुके थे। पिछले दिनों नगर निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने भी हेमचंद नाइक को हटाने की मांग की थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष मनसुख मेहरवाल के मुताबिक हेमचंद नाइक को पूर्व आयुक्त ने २०१९ में नगर निगम के लिए श्रम न्यायालय का काम सौंपा था। उनके कार्यकाल में २०१९ से २०२२ के बीच नगर निगम को श्रम न्यायालय के सभी प्रकरणों में हार का सामना करना पड़ा है।
हाइकोर्ट की मांग पचा नहीं पाए अफसर
एडवोकेट हेमंचद नाइक पिछले कई दिनों से नगर निगम अधिकारियों के सामने मांग रख रहे थे कि श्रम न्यायालय से हाइकोर्ट इंदौर में जाने वाले नगर निगम के सभी केस भी उन्हें ही दिए जाए। इसके अलावा वे अपने लिए इंदौर के वकीलों के समान ही फीस की मांग भी कर रहे थे। इसी वजह से पिछले कुछ दिनों से वे काम भी नहीं कर रहे थे।