पलंग पर भर्ती था स्टॉफकर्मी, रात में हुआ हादसा
उज्जैन, अग्निपथ। संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल की हालत इन दिनों बीमार मरीज की तरह बनी हुई है। सोमवार-मंगलवार रात आईसीयू में छत पर लगा पंखा चलते समय जमीन पर आ गिरा। समीप ही मरीज भर्ती थे, जो बाल-बाल बच गये।
जिला अस्पताल में 10 पलंग का आईसीयू बना हुआ है। जो हमेशा ही भरा हुआ रहता है। दो दिनों से यहां अस्पताल स्टॉफकर्मी तबीयत खराब होने से पलंग न बर 2 पर भर्ती है। रात में उसका अंटेडर नींद खुलने पर पानी पीने के लिये उठा। उसी दौरान छत पर लगा पंखा चलते-चलते जमीन पर आ गिरा। गनीमत रही कि पंखा किसी पर नहीं गिरा, अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता। पंखा गिरने की आवाज सुनकर आसपास पलंगों पर भर्ती मरीज पर नींद से जाग गये। सभी को दहशत बन गई थी कि उनके पलंग के ऊपर लगा पंखा तो नहीं गिर जाएगा।
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल में काफी समय से बिजली उपकरणों का संधारण कार्य नहीं हुआ है। रात में घटना के बाद सिविज सर्जन डॉ. भोजराज शर्मा का कहना था कि संधारण कार्य के लिये पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा जाएगा। जबकि जिला अस्पताल में बिजली कर्मी की नियुक्ति है। एक कक्ष भी बना हुआ है, जहां संधारण कार्य के उपकरण रखे हुए है। सूत्रों कहना है कि नियुक्त बिजलीकर्मी कभी समय पर नहीं आते है। अस्पाल के वार्डो में लाट होने पर भी पीडब्ल्यूडी या बिजली विभाग के कर्मचारियों को बुलाना पड़ जाता है।
वार्डो में लगे पंखे वर्षो पुराने
जिला अस्पताल के वार्डो में लगे पंखे वर्षो पुराने हो चुके है। कई सालों से उनका संधारण भी नहीं गया है। भीषण गर्मी के दौर में पंखों की हवा मरीज के पलंग तक नहीं पहुंच पा रही है। मरीजों को घर से टेबल फैन लेकर आना पड़ रहा है। एक वार्ड में 35 से 40 पलंग लगे है। पूर्व में एक वार्ड में एक बड़ा कूलर लगाया गया था, वह भी बंद पड़े हुए है। वार्ड में रोशनी के लिये लगी ट्युबलाइट भी रात में कई बार बंद हो जाती है। पानी के लिये लगे वाटर कूलर भी कुलिंग मोटर खराब होने से खराब पड़े है।