अभी हाल ही में प्रशासन ने गरीबी रेखा की सरकारी सूची में शामिल गरीबों की तस्दीक करने का फरमान निकाला है। अफसरों का कहना है कि सूची में सम्पन्न लोग भी शामिल हैं और यह गरीबों के लिए शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ लेकर वास्तविक गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों का यह निर्णय स्वागत योग्य है और गलत तरीके से सुविधाओं का लाभ ले रहे लोगों पर कार्रवाई की जाना चाहिए। लेकिन इसके साथ ही एक और कदम जिले के आला अधिकारियों को उठाना होगा। जिसमें उन जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई करना होगी, जिन्होंने गरीबी रेखा की सूची में अपात्रों को शामिल किया।
अगर कोई व्यक्ति गरीबी रेखा की सूची में शामिल होने का पात्र है तो उसे सूची में नाम जुड़वाने के लिए एक प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। जिसके तहत कच्चा मकान, घर में वाहन नहीं होना, परिवार की मासिक आय आदि कई मापदंड हैं। इन मापदंडों को प्रशासन के जिम्मेदार नुमाइंदों द्वारा परखने के बाद भी गरीब का नाम सूची में जुड़ता है। अगर सूची में अपात्र लोग हंै तो फिर यह पता करना भी जरूरी है कि उन्हें इसमें शामिल किसने किया और अब उन पर क्या कार्रवाई होगी।