उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में रविवार को बाहर से आए श्रद्धालुओं को जब भगवान महाकाल के दर्शन नहीं हो पाए तो उन्होंने प्रशासनिक भवन जाकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान वहां पर ड्यूटीरत कर्मचारियों ने उनके भय से प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट का शटर बंद करवा दिया। लेकिन मंदिर का कोई भी अधिकारी इस दौरान वहां पर झांकने तक नहीं आया।
शनिवार, रविवार और सोमवार को बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ता है। रविवार होने के कारण आज भी बाहर से आए हुए श्रद्धालु बड़ी तादात में मंदिर आए हुए थे। इनमें से अधिकांश राजस्थान निवासी थे, लेकिन सेम डे आनलाइन बुकिंग खत्म होने से वह भगवान महाकाल के दर्शन नहीं कर पाए। उनके सामने केवल 250 रु. टिकट का ही आप्शन शेष बचा हुआ था, लेकिन वह इसे खरीदने में असमर्थ थे। लिहाजा 30 से 35 लोगों के झुंड ने प्रशासनिक भवन की ओर कूच किया और वहां पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। वहां मौजूद आईटी शाखा के प्रभारी राजकुमारसिंह और मंदिर पीआरओ गौरी जोशी ने जब उनको समझाने की कोशिश की तो उन्होंने उनसे जमकर विवाद किया। इस दौरान किसी ने सहायक प्रशासक को भी फोन पर सूचना दी। लेकिन वह नहीं पहुंचे। हंगामा बढ़ता देखकर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट का शटर बंद कर दिया। डेढ़ घंटे तक कर्मचारी अंदर से बाहर नहीं निकल पाए।
2 बजे तक 4 लाख से अधिक के टिकट विक्रय
प्रशासनिक भवन पर करीब डेढ़ घंटे अधिकारियों का इंतजार करने के बाद बाहर से आए हुए श्रद्धालु वापस लौट गए। इस दौरान उनकी केवल एक ही जिद थी कि ….उनको भगवान महाकाल के दर्शन करना है। ज्ञातव्य रहे कि रविवार होने के कारण सभी बुकिंग स्लाट बुक होने से सेम डे बुकिंग किसी भी श्रद्धालु की नहीं की जा सकी। ऐसे में सुबह से लेकर दोपहर 2 बजे तक श्रद्धालुओं ने 250 रुपए की 1700 रसीद कटवाईं। जोकि 4 लाख 25 हजार रुपए होते हैं।
लड्डू प्रसादी दोपहर में खत्म हुई
दोपहर दो बजे तक मंदिर के पांच काउंटरों ेमें रखी लड्डू प्रसादी समाप्त हो चुकी थी। श्रद्धालु अपने साथ चार-चार पैकेट खरीदकर ले जा रहे थे। निश्चित बात है कि जब जब मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं तब तब 250 रुपये टिकट और लड्डू प्रसादी का विक्रय जमकर होता है। मंदिर का राजस्व भी इससे बढ़ता है। शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
दो टिकट खरीदवाकर प्रसादी टिकाई
शंख द्वार पर हारफूल प्रसादी विक्रेता इन दिनों दलाली करने के काम में जुटे हुए हैं। उनके द्वारा वहीं पर श्रद्धालुओं से ठगी की जा रही है। दिल्ली निवासी चार लोग आए जोकि हारफूल वालों के चंगुल में आ गए। चार लोगों की दो टिकट कटवाकर हारफूल वालों ने उनको 100-100 रुपए के चिरोंजी के पैकेट भी थमा दिए। जबकि मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जब वे फेसिलिटी गेट पर पहुंचे तो उनको रोक दिया गया। यहां उन्होंने अपनी व्यथा वहां पर मौजूद मंदिर कर्मचारियों को बताई।