250 रुपए के टिकटधारियों को सामान्य दर्शनार्थियों के साथ दर्शन में आपत्ति
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास का उल्लास छाने लगा है। मंदिर में भीड़ के चलते शनिवार से 100 रु. प्रोटोकाल टिकट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ऐसा निर्णय कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ बैठक में लिया।
हालांकि जानकारी के अभाव में शनिवार को भी टिकट से श्रद्धालुओं का दर्शन चलता रहा। लेकिन इसको बाद में बंद कर दिया गया। वहीं 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकटधारियों को सामान्य श्रद्धालुओं के साथ लाइन में लगाकर प्रवेश कराने पर टिकटधारी श्रद्धालुओं में असंतोष व्याप्त है।
शुक्रवार को कलेक्टर आशीषसिंह, एडीएम संतोष टैगोर ने 100 रु. प्रोटोकाल टिकट दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन उनका आदेश सही तरह से मंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाया। लिहाजा शनिवार को सुबह तक तो प्रोटोकाल टिकट से श्रद्धालु दर्शन करते रहे। लेकिन बाद में बंद किए जाने से श्रद्धालुओं की संख्या में कमी भी आ गई। गणपति मंडपम के बेरिकेड नंबर-1 से प्रोटोकाल, 100 रु. टिकटधारी और 1500 रु. विशेष दर्शन टिकटधारी श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
250 रु. टिकटधारी श्रद्धालु परेशान
चारधाम मंदिर से सामान्य श्रद्धालु और 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकटधारी श्रद्धालुओं को अलग अलग बेरिकेड से चलाकर शंख द्वारा तक लाकर यहां से फेसिलिटी सेंटर में सभी को एक कर दिया गया है। 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकटधारी श्रद्धालुओं को फेसिलिटी सेंटर के जिगजैग में घुमाया जा रहा है। फिर यहां से सामान्य के साथ कार्तिकेय मंडपम में लाकर गणपति मंडपम के चौथे बेरिकेड से सामान्य श्रद्धालुओं के साथ ही दर्शन करवाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था से टिकटधारी श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि जब हम पैसा खर्च कर रहे हैं तो व्यवस्था भी सामान्य श्रद्धालुओं से अलग होना चाहिए।
पंडे पुजारियों को दक्षिणा नहीं दे रहे
इधर 1500 रु. विशेष दर्शन टिकटधारियों को निकट से दर्शन की जगह बेरिकेड़ से दर्शन कराए जाने पर श्रद्धालु पंडे पुजारियों के सामने अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं। पंडे पुजारियों ने बताया कि कई श्रद्धालु दक्षिणा दिए बगैर चले जाते हैं। उनका कहना रहता है कि 1500 रु. में ही उनकी दक्षिणा भी आ गई है।