विधायक के रिश्तेदार ने छीना माईक, गांव में बंद कराया माईक

जिला पंचायत के 2 निर्दलीय सदस्यों पर प्रकरण दर्ज, महिदपुर में सियासी पारा गर्म

उज्जैन, अग्निपथ। जिला पंचायत के चुनाव में महिदपुर क्षेत्र में भाजपा और खासकर विधायक बहादुरसिंह चौहान की खासी किरकिरी हुई है। महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली जिला पंचायत की चारों सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। परिणाम आने के बाद से ही महिदपुर में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

निर्दलीय चुनाव लडक़र जीते दो सदस्य गुरूवार की रात सिमरोल गांव में पहुंचे तो यहां विधायक के रिश्तेदार ने उनसे माईक छीनकर उसे बंद करवा दिया। इसके बाद जिला पंचायत के दोनों ही सदस्यों के खिलाफ राघवी थाने में मारपीट का अपराध भी दर्ज करवा दिया गया है।

महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत के 10, 11, 12 और 13 नंबर वार्ड आते है। इनमें से 11 नंबर वार्ड में कांग्रेस की दलजीत कौर और वार्ड 13 से कांग्रेस की रतनबाई मंडोरा ने चुनाव जीता है। वार्ड नंबर 10 से निर्दलीय श्यामसिंह और वार्ड 12 से निर्दलीय प्रतापसिंह आर्य ने चुनाव जीता है। श्यामसिंह और प्रतापसिंह आर्य दोनों ही भाजपा से जुड़े रहे है और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे थे।

महिदपुर से एक भी वार्ड नहीं जीत पाने को विधायक बहादुर सिंह चौहान की विफलता के रूप में देखा जा रहा है। यहीं वजह है कि महिदपुर के ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा बंट गई है। गुरूवार की रात प्रतापसिंह आर्य और श्यामसिंह सिमरोल गांव में मतदाताओं का आभार व्यक्त करने पहुंचे, इसी बीच विधायक बहादुरसिंह चौहान के रिश्तेदार अमरसिंह कुछ लोगों को साथ लेकर यहां पहुंच गए। जिला पंचायत सदस्य के हाथ से माईक छीन लिया और सभा बंद करवा दी गई।

इस घटनाक्रम के दौरान यहां विवाद भी हुआ। राघवी थाने में देर रात नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य श्याम सिंह और प्रतापसिंह आर्य के खिलाफ मारपीट का प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार को दोनों ही जिला पंचायत सदस्य उज्जैन पहुंचे और एसपी से मुलाकात कर प्रकरण की जांच कराने की मांग की। इनका आरोप है कि राजनैतिक दबाव में दोनों के खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज किया गया है।

बड़े नेता मांग रहे समर्थन, छोटे कर रहे उत्पात

जिला पंचायत में भाजपा के पास 11 निर्वाचित सदस्य है। बहुमत के लिए ये पर्याप्त है लेकिन भाजपा के जिलास्तर के बड़े नेता निर्दलीय श्यामसिंह, प्रतापसिंह आर्य और शिवानी कुंवर को भी अपने खेमे में मिलाने की कोशिश में जुटे है। भाजपा के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए इनसे बातचीत भी हो चुकी है। एक तरफ बड़े नेता दोनों से समर्थन मांग रहे है, दूसरी तरफ छोटे इनका विरोध कर रहे है।

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