डॉक्टर, एक्स-रे व लैब तकनीशियन के बगैर चल रही थी सुविधाएं
नलखेड़ा, अग्निपथ। नगर में अवैध रूप से चल रहे एक नर्सिंग निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सील कर दिया है। अस्पताल संचालक के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए आगर-मालवा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा है।
ग्राम रिंछी निवासी सादिक पिता इसराइल खान द्वारा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय यादव एवं स्थानीय पुलिस थाने में गलत उपचार करने को लेकर एक शिकायती आवेदन दिया था। शिकायत के आधार पर शुक्रवार को बीएमओ डॉ विजय यादव की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा नगर की खंडेलवाल कॉलोनी में बिना अनुमति के संचालित हो रहे लक्ष्यदीप हॉस्पिटल की जांच की गई।
जांच में पाया गया कि हॉस्पिटल में डॉक्टर, एक्स-रे टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन एवं नर्सिंग होम स्टाफ उपलब्ध नहीं है। हॉस्पिटल के डॉक्टर की डिग्री भी नहीं मिली। इसके बाद भी हॉस्पिटल में सभी सुविधाएं अवैध रूप से संचलित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हॉस्पिटल मे डॉक्टर का चेंबर, एक्स-रे रूम, ओपीडी रूम, पैथोलॉजी लैब एवं मरीजों के एडमिट के लिए बनाए गए वार्ड रूम के साथ हॉस्पिटल भी सील किया गया।
हॉस्पिटल सील करते समय ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ विजय यादव, डॉ विनीता शर्मा, डॉ नीरज चौहान, कस्बा पटवारी अजयसिंह खींची, जगदीश पालीवाल, वार्ड बॉय दिनेश सिसोदिया, सहित पुलिस जवान उपस्थित थे।
झोलाछाप डॉ मरीजों के साथ कर रहा था खिलवाड़
नगर में संचालित लक्ष्यदीप हॉस्पिटल 24 घंटे मरीजों को बेहतर सेवा देने व कई बीमारियों का उपचार करने के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था हॉस्पिटल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवा,एक्सरे सुविधा, ईसीजी, नॉर्मल डिलीवरी, सभी प्रकार के ऑपरेशन एवं जांच, निसंतान पीसीओडी का सफल इलाज शहीद बच्चेदानी अंडाशय, स्तन में होने वाली गांठ का भी उपचार करने का दावा उक्त झोलाछाप डॉक्टर कर ग्रामीणों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा था।
इस शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम रिंछी निवासी सादिक पिता इसराइल खांन ने एक शिकायती आवेदन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय यादव को दिया था आवेदन में बताया सादिक ने बताया कि 3 माह पूर्व उसके दोनों पैर में एड़ी की नस पर दर्द होता था। इस कारण दोस्तों जितेंद्रसिंह पिता भीमसिंह राजपूत निवासी पीलवास एवं राजेश पिता मानसिंहगुर्जर निवासी कोहडिया के साथ नलखेड़ा में खंडेलवाल कॉलोनी स्थित लक्षदीप हॉस्पिटल पर डॉ दामु को दिखाया था।
इस पर डॉ दामू ने मरीज के दोनों पैर में एक-एक इंजेक्शन लगाया। थोड़े समय बाद ही एक पैर में इन्फेक्शन के कारण पस पड़ गया तथा दूसरे पैर की नसें कमजोर होने के कारण दर्द करती थी। उसके बाद इंदौर में डॉ सुबोध जैन से इलाज कराया। वहां से आराम नहीं मिलने के बाद उज्जैन के डॉक्टर अजय खरे को बताया
इसके बाद डॉ खरे ने दोनों पैर की सोनोग्राफी करवाई उसमें एक पैर की नस में गेप होने के कारण वह हड्डी से अलग हो गई इस कारण सादिक चल भी नहीं सकता है। सादिक द्वारा इस संबंध में पुलिस थाने में भी एक शिकायती आवेदन दिया है।
नगर में कई अवैध हॉस्पिटल हो रहे हैं संचालित
नगर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जो भोली भाली जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास ना तो को ही डिग्री है और न ही कोई इलाज करने की पद्धति। उसके बाद भी उक्त झोलाछाप डॉक्टर अपने आपको कोई शिशु रोग विशेषज्ञ बता रहा है तो कोई कैंसर टीवी जैसी बीमारी का इलाज करने का दावा कर रहा है स्वास्थ्य विभाग की टीम नगर में अगर इन झोलाछाप डॉक्टरों पर भी कार्रवाई करें तो कई फर्जी डॉक्टर नगर में निकलेंगे
इनका कहना
लक्ष्यदीप हॉस्पिटल की कई दिनों से शिकायत मिल रही थी शिकायत के आधार पर हास्पिटल सील किया गया है। – डॉ. विजय यादव ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर नलखेड़ा।