उज्जैन, अग्निपथ। स्पीक मैके एवं आईओसीएल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका आद्रीजा बासु ने सोमवार को कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास दशहरा मैदान में दोपहर 1.30 बजे अपनी प्रस्तुति का आरंभ सदारंग द्वारा रचित, राग भीमपलासी, तीन ताल 16 मात्रा एवं मध्य लय में निबद्ध बंदिश जा जा रे अपने मंदिरवा से किया।
इसके पश्चात छात्राओं को अलंकार के विषय में बताते हुए मां शारदे वरदे वंदना मध्य ताल में सिखाई। अपनी प्रस्तुति के दौरान इंदौर, ग्वालियर एवं जयपुर घराने की शास्त्रीय गायिका आद्रीजा ने कहां की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक-एक राग भगवान के समान है। जैसे भगवान की पूजा की जाती है। वैसे रागों की भी पूजा की जाती है। अंत में आभार छात्रावास अधीक्षक श्रीमती इंदु नागर ने माना।
द्वितीय सत्र में दोपहर 3.30 बजे शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय लालपुर में पारंपरिक राग भूपाली अध्य ताल एवं 16 मात्रा में निबद्ध बंदिश ना माने रे यशोदा तुम रो कन्हाई सुनाई। बाद में कलाकार ने इसी राग में अलाप विस्तार तान और पलटा करके बताया। साथ ही सुरों की महत्वता का वर्णन करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि गायकी में सुरों का एक विशेष स्थान है। जिस प्रकार आपके मित्रों के नाम होते हैं उसी प्रकार रागों को भी उनके आरोह एवं अवरोह द्वारा पहचाना जाता है।
कार्यक्रम के अंत में आभार शिक्षक वीरेंद्र सिंह सुमन ने माना। स्पीक मैके की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि 26 जुलाई मंगलवार को आद्रीजा बसु की प्रथम प्रस्तुति प्रात: 8.30 बजे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फाजलपुरा एवं प्रात: 10 बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय कोठी पर होगी।