नागपंचमी पर व्यवस्था: 200 ई- रिक्शा मांगे थे, आरटीओ ने दिए मात्र 56

ई-रिक्शा

जिला प्रशासन की ऐसी व्यवस्था, श्रद्धालुओं को प्रशासनिक कार्यालय तक पहुुंचने में आ रही परेशानी

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 2 अगस्त को नागपंचमी पर्व का उल्लास छाएगा। लिहाजा देश सहित विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल सहित नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पधारेंगे। लेकिन जिला प्रशासन ने अपनी व्यवस्था को पूर्ण रूप से अंजाम नहीं दिया है। व्यवस्थाएं आधी अधूरी होने के कारण अभी तक प्रोटोकाल अथवा वीआईपी श्रद्धालु इतनी लंबी दूरी से अपने गंतव्य बेगमबाग तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि आरटीओ से 200 ई रिक्शा मांगने के बावजूद पूर्ण संख्या में उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।

सामान्य श्रद्धालुओं की व्यवस्था जिला प्रशासन ने नागपंचमी पर कर्कराज मंदिर से करने पर मंथन किया है। चारधाम पर जिगजैग लगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। लेकिन सामान्य तो ठीक, वीआईपी श्रद्धालुओं को नागपंचमी से ही पहले भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचने में परेशानी आ रही है। दैनिक अग्निपथ के 30 जुलाई के अंक में इस बात का खुलासा किया गया था कि किस तरह की व्यवस्था वीआईपी अथवा प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं को मिल रही है।

जिला प्रशासन ने कर्कराज मंदिर पर श्रद्धालुओं का स्टापेज बनाकर यहीं पर चौपहिया वाहन पार्क करने की योजना को मूर्तरूप दिया है। साथ ही इस बात पर भी विचार किया गया था कि ई रिक्शा कर्कराज मंदिर से बेगमबाग तक चलाए जाकर इसमें नि:शुल्क श्रद्धालुओं को बैठाकर फेसलिटी सेंटर-1 तक पहुंचाया जाएगा। लेकिन इस उद्देश्य में जिला प्रशासन फैल हो गया है। जितनी संख्या में ई रिक्शा श्रद्धालुओं को आगामी नागपंचमी पर्व पर उपलब्ध करवाने की योजना थी वो टॉय-टॉय फिस्स हो गई है।

200 ई रिक्शा की जगह केवल 56

श्रावण मास का आगाज 14 जुलाई से हो गया है। इसके पूर्व जिला प्रशासन ने कर्कराज मंदिर से लेकर बेगमबाग तक ई रिक्शा चलाने के लिए 200 ई रिक्शा उपलब्ध करवाने के निर्देश मंदिर प्रशासन को दिए थे। लेकिन आरटीओ को पत्र लिखने के बावजूद अभी तक व्यवस्था नहीं करा पाया था। अब नागपंचमी पर्व सिर पर है तो आरटीओ ने 200 की जगह 56 ई रिक्शा की उपलब्ध करवाए हैं।

जानकारी में तो यहां तक आया है कि बेगमबाग से लेकर मंदिर प्रशासनिक कार्यालय तक केवल 2 से 3 ही ई रिक्शा चलाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि पिछली बार के ई रिक्शा के पेमेंट नहीं होने के कारण इस बार संचालकों ने अपने ई रिक्शा लगाने से इंकार दिया है।

नि:शुल्क का बोर्ड नहीं लगाया

बेगमबाग से लेकर फेसलिटी सेंटर-1 तक चलाए जा रहे 2 से 3 ईरिक्शा पर नि:शुल्क का कहीं से कहीं तक बोर्ड नहीं लगाया गया है। केवल एक ई रिक्शा पर केनरा बैंक लिखकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। ऐसे में यदि ई रिक्शा वाले श्रद्धालुओं से इसका किराया भी वसूल किया जाए तो वे आसानी से इसका पेमेंट कर देंगे। आधी अधूरी व्यवस्था के बीच जिला प्रशासन ने अनमने मन से इस व्यवस्था को लागू करने में दिलचस्पी दिखाई है।

ई रिक्शा दान में प्राप्त

श्री महाकालेश्वर मंदिर को ई रिक्शा दानदाताओं द्वारा समय समय पर दान किए जाते रहे हैं। शनिवार को भी नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में सामग्री लाने एवं ले जाने की व्यवस्था हेतु केनरा बैंक के एमडी एलवी प्रभाकर द्वारा ई रिक्शा दान में दिया गया। केनरा बैंक के पदाधिकारियों द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के समिति सदस्य राम पुजारी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी को ई रिक्शा की चाबी सौंपी गई।

ज्ञात रहे कि मंदिर को दान में प्राप्त होने वाले ई रिक्शा लड्डू सप्लाय सहित अन्य कामों में उपयोग में लिए जा रहे हैं। इनका श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।

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