शिव महापुराण में कल होगा सामूहिक रूद्राभिषेक

महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव सरस्वती महाराज के साथ शिप्रा तट पर यजमान, भक्त करेंगे अभिषेक

उज्जैन, अग्निपथ । दुनियाभर से पाप धोने लोग रामघाट, क्षिप्रा घाट पर आ रहे हैं, लेकिन लोगों ने यहां घाटों को पीकदान बनाकर रख दिया है। हद तो यह है कि आचार्य, पंडित भी वही गलती कर रहे हैं। यजमान के सामने थूक रहे हैं, उनके सामने तम्बाकू खा रहे हैं, ये उचित नहीं।

सनातन संस्कृति, पूजा पाठ, तीर्थ लंबे समय तक बचाना है तो खानपान पर ब्रेक लगाना होगा। आहार व्यवहार अच्छा रखना होगा। जब हम आहार व्यवहार से कमजोर हो जाएंगे तो हमें कोई भी खरीद लेगा, हम उस देश के वासी हैं जहां अंग्रेजों ने जनेउ उतारने को कहा लेकिन जनेउ नहीं उतारे, फांसी पर झूल गए लेकिन अपनी संस्कृति को उन्हें कुचलने नहीं दिया।

उक्त बात नृसिंह घाट के समीप स्थित श्री झालरिया मठ में चल रही शिव महापुराण कथा में 1008 महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव सरस्वती महाराज ने कही। आपने कहा नकली व्यवहार मत करो, असली व्यवहार करो, जो जिस स्थिति का है, जो जिस लायक है, आपके इर्द गिर्द रहे तो रहे आप उसे उतनी ही जगह दो जो उसकी औकात हैं यदि आप ऐसा करते हैं तो आप कभी धोखे में नहीं पड़ोगे, आपका निरंतर जीवन सफल रहेगा। आप सफल जीवन जी पाएंगे।

कथा में महाराजश्री ने कहा मैने कभी नींद पूरी नहीं की, कभी 10 दिन लगातार ठीक ढंग से नहीं सो पाया लेकिन कभी मैने दिन में नींद पूरी नहीं की। जो आदमी जिंदगी में अपने काम के प्रति आलसी हो गया वह कितनों का भी सपोर्ट ले ले आगे नहीं बढ़ सकता। जो एक्टिव है, गतिमान है वह व्यक्ति सफल जीवन जिएगा। जो समय को पहचान जाता है वह तो परम सफल है इस संसार में। जब तक दीवारों से सीमेंट उखड़ रहा हो तो कोई बात नहीं लेकिन छत गिरने लग जाए तो घर खाली कर दो। जितना हो सके जल्दी छोड़ो, तो आप दुनिया के सफल और चतुर व्यक्ति कहलाएंगे।

स्वामी इंद्रदेव सरस्वती महाराज ने कहा कि ज्ञान संग से प्राप्त होता है, पुरूषार्थ से नहीं। आप किसके साथ रहते हैं वैसा ही आपका ज्ञान रहता है। सुख भी संग से मिलता है, संग से भाग्य बदलता है, केवल हमारे भाग्य से ही हमें सुख नहीं मिलता, हमारे कोई प्रतापी, यशस्वी का संग मिल जाता है तो देखते ही दरिद्रता समाप्त हो जाती है। जैसे ही संग छोड़ता है फिर वहीं पहुंच जाता है जहां था।

शिव महापुराण कथा के 8वें दिन शनिवार से महापुराण का नया सप्ताह प्रारंभ हुआ। कल सोमवार को सामूहिक रूद्राभिषेक होगा। शिप्रा के तट पर यह अभिषेक होगा जिसमें यजमान, भक्त अभिषेक करेंगे। आपने बताया कि 12 अगस्त तक दोपहर 1 बजे से श्री झालरिया मठ में शिव महापुराण कथा, शिवलिंग अर्चन रूद्राभिषेक, कालसर्प, महाकाल, गोपूजन, पितृदोष निवारण का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक चल रही कथा का सीधा प्रसारण संस्कार टीवी पर भी हो रहा है।

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