मामला मोतीनगर में हुई वृद्ध की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी का
उज्जैन, अग्निपथ। 10 दिन पहले हुई वृद्ध की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिवार और समाजजनों ने बुधवार दोपहर पुलिस कंट्रोल रुम का घेराव कर दिया। पुलिस ने चार घंटे बाद 3 आरोपियों को हिरासत में ले लिया। एक की गिरफ्तारी के लिये टीम रवाना की गई है।
इंदौर रोड पर मोतीनगर में 24 जुलाई की रात करणसिंह पिता नागूसिंह डाबी (48) की पांच लोगों ने मिलकर हत्या कर दी थी और उसके बेटे अर्जुन पर जानलेवा हमला किया था। हत्या में कमल कालोनी के रहने वाले राजू चौल्डिया, उसके पुत्र आयुष, विशाल और वार्ड 54 के भाजपा पार्षद का पुत्र लाखन वाघेला शामिल थे।
मृतक के घायल पुत्र की शिकायत पर नानाखेड़ा पुलिस ने पांचों लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज किया था। आरोपियों की गिर तारी नहीं होने पर परिजन कुछ दिन पहले एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला से मिले थे। उन्होंने 48 घंटे में गिर तारी का आश्वासन दिया था। समयावधि बीत जाने पर नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर दोपहर 1 बजे परिजन, 50-60 समाजनों के साथ पुलिस कंट्रोलरुम पहुंचे और धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी शुरु कर दी।
परिजनों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही आईपीएस विनोद कुमार मीणा पहुंचे। इस दौरान आरोप लगाये गये कि राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस गिर तारी नहीं कर रही है। आईपीएस मीणा ने रात 8 बजे तक गिर तारी की बात कहीं। परिजनों ने करीब एक घंटे तक धरना दिया और आश्वासन मिलने पर प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
शाम ढलने से पहले 3 हिरासत में
पुलिस कंट्रोलरुम का घेराव होने पर नानाखेड़ा पुलिस ने हत्या में शामिल नामजद आरोपियों की तलाश में दबिश दी और शाम ढलने से पहले राजू चौल्डिया, उसके दोनों पुत्र विशाल और आयुष को हिरासत में ले लिया। नानाखेड़ा टीआई ओपी अहीर ने बताया कि शेष आरोपी की तलाश में एक टीम आगर भेजी गई है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पति-पत्नी के विवाद में हत्या
करणसिंह की हत्या के बाद सामने आया था कि उसके भतीजे भरत पिता रणछोड़ डाबी और उसकी पत्नी खुशबू के बीच विवाद हुआ था। खूशबु ने अपने पिता राजू, भाई आयुष, विशाल और जीजा लाखन को बुला लिया था। सभी देर रात मोतीनगर पहुंचे थे और खुशबू के पति और ससुर के साथ मारपीट शुरु कर दी थी। भतीजे और भाई के साथ मारपीट देख करणसिंह और उसका बेटा अर्जुन बीच बचाव में आये थे। जिन पर हमला किया था। करणसिंह को गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी।