चंडीगढ़। किसान आंदोलन खत्म हुआ नहीं कि अब सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL) नई मुसीबत बनने को तैयार है। क्योंकि हरियाणा के किसानों ने नए साल की शुरुआत में ही मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए जल्दी ही जनजागरण अभियान भी शुरू हो जाएगा। हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष व अटेली से पूर्व विधायक नरेश यादव ने एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
यादव ने बताया कि मामले में केंद्र सरकार का रवैया ढुलमुल ही है। इसलिए आज तक भी दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र के किसान एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। भूजल स्तर गिरता जा रहा है, जो अब हजारों फीट नीचे पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार ने एरिया को डार्क जोन घोषित कर रखा है। किसान ट्यूबवेल नहीं लगा सकते, ऐसे में नहरी पानी ही समाधान है, लेकिन वो भी पंजाब दबाकर बैठा है।
यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला दिया था, इसके बावजूद पंजाब पानी हरियाणा को देने को तैयार नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हठ छोड़कर किसानों के बारे में सोचना चाहिए। किसान अन्नदाता हैं, हरियाणा के हों या उत्तर प्रदेश के, वे पहले किसान हैं और देश के लिए अन्नदाता हैं। राज्य विशेष के होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
यादव ने अपील की है कि जिस तरह मोदी सरकार ने धारा 370 जैसे कभी न खत्म होने वाले मुद्दे का समाधान निकाला है, उसी तरह उन्हें SYL की समस्या भी हल करनी चाहिए।