खेत से तार डालने के विवाद में 2 भाइयों पर जानलेवा हमला

उज्जैन अग्निपथ। बडऩगर तहसील के गांव बालोदा में शनिवार की शाम दो किसान भाईयों पर पडौसी खेत मालिक के परिवार ने जानलेवा हमला कर दिया है। खेत के उपर से बिजली के तार डालने की बात पर इनके बीच विवाद हुआ था। हमले में घायल हुए दोनों भाईयों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। बडनगर पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।

बालोदा गांव में रहने वाले अरविंद पिता रामभरोसे केथवास उम्र 31 साल और नरेंद्र पिता रामभरोसे कैथवास उम्र 45 साल पर शनिवार की शाम हमला किया गया। गांव में जहां अरविंद और नरेंद्र का खेत है, उसके पड़ौस में ही सुरेंद्र पिता लालसिंह सिसोदिया का भी खेत है। शनिवार को अरविंद और नरेंद्र दोनों को खेत में सिंचाई के लिए पानी की मोटर लगाना थी। इसके लिए उन्होंने ट्रांसफार्मर से बोरिंग तक का तार डाला। यह तार पड़ौसी सुरेंद्र सिसोदिया के खेत के उपर से होकर निकाला गया। सुरेंद्र को इस पर आपत्ति थी। उसने नरेंद्र और अरविंद के सामने आपत्ति जताई तो इनके बीच विवाद होने लगा।

अरविंद औश्र नरेंद्र दोनों भाइयों के साथ सुरेंद्र पिता लाल सिंह सिसोदिया, उसके भाई मोहन सिसोदिया, संदीप सिसोदिया और पिता लालसिंह सिसोदिया ने इन दोनों पर हमला कर दिया। कुछ दिन पहले लालसिंह को खेत में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता थी, तब लालसिंह ने नरेंद्र और अरविंद से मदद मांगी थी लेकिन दोनों ने पानी देने से मना कर दिया था। इसी बात पर सिसोदिया परिवार रंजिश पाले हुए था। शनिवार शाम को जब अरविंद और नरेंद्र ने लालसिंह सिसोदिया के खेत के उपर से तार डाले तो सिसोदिया परिवार के सदस्यों को बदला पूरा करने का मौका मिल गया।

सिसोदिया परिवार के लोगों ने नरेंद्र और अरविंद दोनों पर धारदार हथियार और डंडो से वार करना शुरू कर दिया। घायल नरेंद्र ने बताया कि शनिवार शाम करीबन 6.30 बजे मैं व मेरी माँ मनोरमा व मेरे पड़े पापा का लडक़ा नरेन्द्र तीनो लालसिंह के घर उनसे मिलने गए थे। लालसिंह अपने घर के बाहर खड़ा था, हम लोग लालसिंह को कल की घटना बता ही रहे थे कि इतने मे उसके तीनों लडके मोहन, संदीप व सुरेंद्र पहुंच गए। संदीप के हाथ मे लकड़ी व सुरेन्द्र के हाथ में सरिया था। तीनो गालिया देना शुरू कर दिया। जाति सूचक शब्द कहते हुए धमकी दी कि तुम लोगो की हमारे घर आने व शिकायत करने की हिम्मत कैसे हुई।

नरेंद्र ने बताया कि हमने उन्हें गाली देने से मना किया तो संदीप ने मुझ पर लाठी से वार कर दिया। मेरी माँ मनोरमा व बड़े पापा का लडका नरेन्द्र बीच बचाव करने आया तो सुरेन्द्र ने नरेन्द्र पर सरिये से वार कर दिया। पास ही मौजूद प्रमोद केथवास व अशोक प्रजापत ने बीच बचाव किया। नरेंद्र का कहना है कि लालसिंह व उसके लडक़े यह जानते है कि हम पासी हरिजन समाज से है, फिर भी इन्होने हमे जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया।

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