खबर का असर
उज्जैन,अग्निपथ। विक्रम विश्व विद्यालय के परिसर में गत दिनों काटे गए पेड़ों की कटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले को दैनिक अग्निपथ में प्रमुखता से उठाया जिसका असर यह हुआ कि बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने कुलाधिपति के नाम कुलपति को ज्ञापन देकर जांच कराने जाने की मांग की है। कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने उन्हें आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही वन विभाग एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों की कमेटी बनाकर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। जो भी इसमें संलिप्त होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में कई इमारती पेड़ काटे जाने के बाद उसकी लकडिय़ों को रफा-दफा किए जाने का मामला दैनिक अग्निपथ में बुधवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इस खबर के प्रकाशन के बाद भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय जाकर कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने के लिए महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि बिना इजाजत इन इमारती पेड़ों की कटाई कैसे की गई है। इसको लेकर कुलपति ने छात्र नेताओं के सामने स्वीकार किया कि यह गलती जरूर हो गई है इसके लिए वह वन विभाग के अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन के कर्ता-धर्ताओं की एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने छात्र नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि उसमें सागवान आदि इमारती लकड़ी नहीं थी। केवल बबूल के पेड़ की कटाई की गई। पेड़ों की कटाई के बाद निकली लकडिय़ों के मामले में वह छात्र नेताओ को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. विजय बोराना के नेतृत्व में कुलपति से मिले प्रतिनिधिमंडल में आशीष रायकवार, मुकुल घुरैया सहित बड़ी संख्या में छात्र नेता शामिल थे। डॉ. बोराना ने बताया कि एक तरफ कुलपति सभी विश्व विद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों को पर्यावरण शुद्धि के लिए पेड़ लगाए जाने के लिए पत्र के जरिए निर्देश देते हैं। वहीं दूसरी और विश्व विद्यालय परिसर से पेड़ों की अवैध कटाई की जाती है। यह कैसा मापदंड है जो समझ से परे है।