दहेज में बाइक नहीं मिलने पर की थी हत्या की कोशिश
उज्जैन,अग्निपथ। दहेज में बाइक नहीं लाने पर नवविवाहित को ससुराल में जिंदा जलाने का प्रयास किया था। करीब 12 साल पूर्व हुई घटना में गुरुवार को नागदा कोर्ट ने फैसला सुनाया। मामले में न्यायालय ने दोषी पति सहित चार को सात-सात साल की सजा सुनाई है।
घटनानुसार उत्तरप्रदेश के महाराजगंज क्षेत्र की अंजू की शादी 11 मार्च 2004 को नागदा गर्वमेन्ट कॉलोनी निवासी के जितेन्द्र पिता सुभाष से हुई थी। 2008 में ससुराल में आते ही पति जितेंद्र,सास बिंदू भाई परमानंद व उसकी पत्नी संध्या को दहेज में बाइक नहीं लाने पर केरोसिन डालकर जिंदा जलाने का प्रयास किया। जान बचाकर भागी अंजू ने मायके जाकर चारों के खिलाफ महाराजगंज थाने में शिकायत कर दी।
बताया कि शादी में डेढ़ लाख रुपए नकद,जेवरात व अन्य किमती सामान देने के बाद भी उसकी हत्या का प्रयास किया गया है। मामला नागदा भेजे जाने पर पुलिस ने यहां चारों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। मामले में अब तक की सुनवाई के बाद गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश वन्दना राज पाण्डेय ने फैसला सुनाया। उन्होंने जितेंद्र सहित चारों को दोषी सिद्ध होने पर 7-7 साल कैद व 1600 रूपए अर्थदण्ड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक रजनीश उपाध्याय ने पैरवी की। जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने दी।