साफ्टवेयर अपडेट कराया जायेगा, सहायक प्रशासक ने पकड़ी गलती
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 1500 रु. विशेष दर्शन टिकट विंडो से वितरित तो किये जा रहे हैं, लेकिन कितनी संख्या में यह टिकट बांट रहे हैं और किस श्रद्धालु को कौन से सीरियल नंबर का टिकट दिया गया है। इस बात की की जानकारी टिकट पर दर्ज नहीं है। लिहाजा अब साफ्टवेयर अपडेट करवा कर इसमें सीरियल नंबर का पाइंट भी डाला जायेगा।
1500 रु. विशेष दर्शन टिकट का वितरण तो किया जा रहा है, लेकिन इस बात की जानकारी टिकट पर नहीं है कि कौन से नंबर का टिकट किस श्रद्धालु को विक्रय किया गया है। टिकटों पर कम्प्यूटर से आधार कार्ड नं., नाम, पता आदि तो डाला जा रहा है। लेकिन सीरियल नंबर का ध्यान नहीं रखा गया। लिहाजा गुरुवार को सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल यहां का निरीक्षण करने आये तो उन्होंने इस विषय में जब कर्मचारियों से पूछा तो एक अनुमानित संख्या टिकटों की बताने लगे। इस पर श्री जूनवाल ने मंदिर के कर्मचारियों और कम्प्यूटर आपरेटरों को साफ्टवेयर अपडेट करवा कर सीरियल नंबर डाले जाने की व्यवस्था भी करने को कहा।
कितने श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
प्रतिदिन कितने टिकट तीनों विंडो से श्रद्धालुओं को वितरित किये जा रहे हैं। सीरियल नंबर नहीं डाले जाने से गिनती करना पड़ रही है। जबकि इन पर सीरियल नंबर डाले जाते तो एक बार में ही स्पष्ट हो जायेगा कि एक विंडो से इतने टिकट श्रद्धालुओं को विक्रय किये गये हैं।
5 किलो चांदी का छत्र दान किया
राजस्थान के पाली निवासी लक्ष्मणजी ने गुरुवार को पुजारी राजेश गुरु और जीतू गुरु की प्रेरणा से भगवान महाकाल को 5 किलो वजनी चांदी का छत्र दान किया। मंदिर के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने दान ग्रहण किया। इस अवसर पर गर्भगृह निरीक्षक विनोद चौकसे भी उपस्थित रहे।