नगर निगम का कार्तिक मेला कलेक्टर ने बंद करवाया

प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये पर नाराज महापौर ने व्यापारियों से कहा- हम क्या करे, कलेक्टर के पास जाओ

उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक मेले में मंगलवार रात हुई हत्या की वारदात के बाद बुधवार को जब मेले में हंगामा हुआ तो जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ मेला ही बंद करवा दिया। कलेक्टर आशीष सिंह के इस फैसले से महापौर मुकेश टटवाल खासे नाराज है। मेला लगाना, इसे बंद करना अथवा आगे बढ़ाना नीतिगत निर्णय है जो नगर निगम के पब्लिक बोर्ड के अधिकार क्षेत्र का मामला था। बुधवार शाम मेले के व्यापारी विरोध दर्ज कराने नगर निगम पहुंचे तो महापौर ने उनसे भी कह दिया- हम क्या करे, हम तो मेला बढ़ाना चाहते थे, कलेक्टर ने इसे बंद कराया है। आपको विरोध ही करना है तो कलेक्टर के पास जाइए।

कार्तिक मेला परिसर में हंगामे के तत्काल बाद एडीएम संतोष टगौर ने मेला बंद किए जाने की घोषणा कर दी थी। इधर एडीएम की घोषणा हुई, उधर पुलिसकर्मियों ने कार्तिक मेले में मौजूद व्यापारियों को खदेडऩा भी शुरू कर दिया। पुलिस और प्रशासन के इस रवैये से व्यापारी खासे नाराज हो गए। कालिदास उद्यान के सामने चक्काजाम की कोशिश की गई।

मेले के व्यापारियों को जैसे ही पता चला कि महापौर मुकेश टटवाल नगर निगम अधिकारियों की बैठक ले रहे है, सभी व्यापारी नगर निगम कार्यालय पर पहुंच गए। मेले के व्यापारियों का तर्क था कि इस बार मेले में जमीन आवंटन की वजह से देरी हुई, महंगे दाम पर व्यापारियों ने दुकानें ली है लिहाजा एक घटना की वजह से मेले को बंद नहीं किया जाए। महापौर ने इनसे बात की। सभी को कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते, कलेक्टर ने मेला बंद करने के लिए लिखित आदेश जारी किए है।

जब्त होगा नाव वाला झूला

महापौर मुकेश टटवाल द्वारा बुधवार शाम बुलाई गई बैठक में नगर निगम अधिकारियों को नाव वाले उस झूले को जब्त करने के निर्देश दिए गए है, जिस पर काम करने वाले युवकों द्वारा हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। इस झूले के किराए के रूप में नगर निगम को 3 लाख 97 हजार रूपए की राशि वसूल करना है। महापौर ने निर्देश दिए है कि झूला संचालक को भविष्य के लिए भी ब्लेक लिस्टेड कर दिया जाए।

बंद रहेगी झूला जोन की लाईट

कार्तिक मेले को बंद किए जाने के कलेक्टर के फैसले के बाद महापौर और उनकी परिषद के सदस्यों ने झूला जोन की लाईटे बंद करने का निर्णय लिया है। मेले के अन्य हिस्से में बैठे व्यापारियों को फिलहाल नही हटाया जाएगा और उन्हें अपना बचा हुआ सामान बेचने की इजाजत दी जाएगी।

जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मेले की अवधि 6 दिसंबर तक थी, इसे एक सप्ताह आगे बढ़ाने की हम घोषणा कर चुके थे लेकिन लिखित आदेश जारी नहीं हुए। परिस्थितियां जो भी रही हो लेकिन मेले के शेष व्यापारियों को अपना बचा हुआ सामान बेचने की इजाजत दी जाएगी। उन्हें तत्काल नहीं भगाया जाएगा।

– मुकेश टटवाल, महापौर 

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