शासन ने आबकारी की तरह ही बिजली विभाग को भी अपनी अलग पुलिस दे दी है। जो पुलिस विभाग की तरह ही बिजली कंपनी के कर्मचारियों को सुरक्षा देने के साथ-साथ बिजली चोरी के आरोपियों पर कार्रवाई करने में भी सक्षम होगी। हालांकि गुजरात, पंजाब और राजस्थान में बिजली विभाग की अलग पुलिस की व्यवस्था पहले से ही है।
मध्यप्रदेश में विद्युत वितरण क्षेत्र में काम कर रही तीन कंपनियां अपनी गैर जिम्मेदाराना हरकतों के कारण लोगों के लिए पहले ही मुसीबत बनी हुई हैं। मनमाने नियम, बेतहाशा बिजली बिल, बिलों की गलतियां सुधारने में लापरवाही, साहुकारों की तरह बिजली बिल वसूली, बिना पूर्व सूचना के बिजली सप्लाई बंद करना, तकनीकि खामियों की वजह से कभी भी बिजली बंद होना जैसे कई मुद्दे विद्युत वितरण कंपनी की मनमानी को उजागर करते हैं।
इन अव्यवस्थाओं के खिलाफ अगर कोई मुंह खोलना चाहे तो अधिकारी-कर्मचारी दादागिरी करते हैं और पुलिस कार्रवाई करते हैं। अभी तक तो पुलिस विभाग जांच के बाद कार्रवाई करता था, लेकिन अब तो पुलिस भी बिजली विभाग की ही होगी। ऐसे में विभाग की दादागिरी बढऩा तय है। शासन को विभाग पर अंकुश के लिए भी व्यवस्था करना होगी।