कोटितीर्थ कुंड के पास रखवाये गये 36 लॉकरों के ताले गायब
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में 20 दिसम्बर से मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया गया है। सामान्य दर्शनार्थियों के लिये यह व्यवस्था लागू की गई है। लेकिन वीआईपी प्रोटोकाल प्राप्त दर्शनार्थी अपने साथ मोबाइल ले जा रहे हैं। इनके मोबाइल रखने के लिये व्यवस्था तो की गई, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी यहां पर रखवाये गये लॉकरों को शुरु नहीं किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी प्रोटोकाल प्राप्त दर्शनार्थी बेहिचक अपने साथ मोबाइल मंदिर के अंदर ले जा रहे हैं। जबकि सामान्य और 1500 रु. जलाभिषेक करने वाले दर्शनार्थियों के मोबाइलों को प्रवेश द्वार पर लगाये गये मोबाइल लॉकरों में रखा जा रहा है। इनको रखने के लिये क्यूआर कोड स्कैन कर रखे जाने की व्यवस्था की गई है। ताकि संबंधित का मोबाइल सुरक्षित रह सके। इसके लिये ढेरों कम्प्यूटर आपरेटरों की नियुक्ति भी की गई है। इसका अपेक्षित परिणाम भी सामने दिखाई देना लगा है। दर्शनार्थी दर्शन कर कुछ देर के लिये ही मंदिर में रुक रहा है। इसका लाभ आगामी नववर्ष पर दिखाई देगा।
वीआईपी प्रोटोकॉल को छूट क्यों
नंदी हाल अथवा गणपति मंडपम के वीआईपी बेरिकेड् से दर्शन करने वाले वीआईपी दर्शनार्थी मोबाइल लेकर यहां तक आ रहे हैं। कोटितीर्थ चैनल गेट से इनको प्रवेश दिया जा रहा है। यहां के निरीक्षकों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा मोबाइल नहीं रखवाये जा रहे हैं। उपर से आदेश नहीं होने और व्यवस्था नहीं जुटाने के कारण बेधडक़ वीआईपी दर्शनार्थी अपने साथ मोबाइल मंदिर के अंदर ले जा रहे हैं। जबकि 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट धारियों के मोबाइल चार नंबर गेट पर बने लॉकरों में रखवाये जा रहे हैं।
लॉकर तो रखवा दिये, शुरु नहीं किया
मंदिर प्रशासन ने कोटितीर्थ कुंड चैनल गेट के पास 20 दिसम्बर से ही 36 मोबाइल लॉकर रखवा दिये थे। लेकिन साफ्टवेयर की सहायता से मोबाइल को रखने की व्यवस्था नहीं दी। इन लॉकरों के गेट खुले हुए हैं। इन पर ताले तक नहीं लगाये गये हैं। महाकाल नि:शुल्क अन्नक्षेत्र के पास और भी पुराने लॉकर रखे हुए हैं। लेकिन इनकी सुध अभी तक व्यवस्था अंतर्गत नहीं ली गई है। ज्ञात रहे कि नववर्ष के आगमन के कुछ ही दिन शेष हैं।