लड्डू प्रसाद से 25 लाख तो शीघ्र दर्शन टिकट से मात्र 3 घंटे में 17 लाख मिले
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में नए साल के पहले दिन उमड़े लाखों श्रद्धालु ने एक ही दिन में दर्शन करने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। वहीं बाबा महाकाल के खजाने में भी इजाफा हुआ है। मंदिर समिति को 1 दिन में लड्डू प्रसाद और शीघ्र दर्शन टिकट से करीब 42 लाख रुपए की आय हुई है। हालांकि अभी मंदिर में रखी अलग-अलग भेंटपेटी, दान रसीद से प्राप्त आय के आंकड़े आना बाकी है। बीते दो वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक दिन में मंदिर समिति की झोली में दोगुना आय है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के सानिध्य में रहकर नए वर्ष का पहला दिन मनाने के लिए इस बार दर्शनार्थियों की संख्या का रिकॉर्ड टूट गया। देशभर से आए करीब साढ़े 5 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लिए।
हालांकि यह सब श्री महाकाल लोक के कारण ही संभव हुआ है। मंदिर समिति के लड्डू प्रसाद के विभिन्न काउंटरों से एक दिन करीब 70 क्विंटल लड्डू प्रसाद का विक्रय हुआ है। जिससे करीब 25 लाख से अधिक की आय प्राप्त की है।
वही 250 रूपए शीघ्र दर्शन टिकट के माध्यम से करीब 17 लाख रुपए प्राप्त हुए। एक ही दिन में मंदिर समिति को कुल राशि 42 लाख रुपए मिले है। 1 जनवरी 2023 को एक ही दिन में हुई आय ने पिछले दो वर्ष के रिकार्ड तोड़ दिए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि 1 जनवरी को देशभर से करीब साढ़े पांच लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। दर्शन व्यवस्था श्री महाकाल लोक के नंदी द्वार से की गई थी। एक बड़े कॉरिडोर के कारण ही संभव हुआ कि इतनी अधिक संख्या में आए श्रद्धालुओं को सहजता से दर्शन करा सके।
मंदिर समिति से विक्रय होने वाले लड्डू प्रसाद के काउंटर की व्यवस्था इस तरह से की गई थी कि कोई भी मार्ग बंद होने पर अगले काउंटर से श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद प्राप्त हो सके। रात्रि तक दर्शन व्यवस्था चलने के बाद करीब 65 से 70 क्विंटल लड्डू प्रसाद का विक्रय हुआ है। जिसमें 360 रूपए प्रतिकिलो के आधार पर करीब 25 लाख से अधिक की आय हुई है।
दर्शन टिकट से 3 घंटे में 17 लाख की आय
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि 1 जनवरी को अत्यधिक भीड़ होने के कारण 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट से दर्शन की व्यवस्था मात्र 3 घंटे चलाई गई थी। इस दौरान ऑनलाइन और ऑफ लाइन शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं के माध्यम से 3 घंटे में करीब 17 लाख रुपए की आय प्राप्त हुई है।
दो वर्ष की तुलना में एक दिन की दोगुनी आय
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति को इस वर्ष एक ही दिन में लड्डू प्रसाद और शीघ्र दर्शन टिकट से जो आय हुई है। उससे दो वर्ष के रिकार्ड टूट गए है। जहां वर्ष 2021 में कोरोना प्रतिबंध के कारण मंदिर की आय प्रभावित हुई थी। वहीं इसके पहले वर्ष 2020 में 1 जनवरी को सभी प्रकल्प जिसमें प्रसाद, दर्शन टिकट, दान राशि, चांदी के सिक्के की बिक्री और भेंट पेटी से कुल आय 23 लाख 9 हजार 409 रूपए हुई थी। जबकि इस वर्ष की एक दिन की आय बीते दो वर्ष में दोगुनी हुई है।
पौने दो लाख रुपए का मुकुट दान,कानपुर के भक्त ने चांदी से निर्मित ढाई किलो वजनी छत्र दान किया
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रति दिन भक्त दान करते है। सोमवार को भी कानपुर से दर्शन करने आए एक भक्त ने भगवान महाकाल को रजत से निर्मित मुकुट कंदोरा और कुण्डल दान किए है। दान में आए आभूषणों की कीमत करीब पौने दो लाख रुपए बताई गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर में देशभर से श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन को आते हैं। महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले भक्त बड़ी संख्या में भगवान महाकाल के मंदिर में दान देते है।
भक्त सोने चांदी के आभूषण के साथ ही नगद राशि भगवान के चरणों में अर्पित करके जाते हैं। कानपुर से आए भक्त विकास वर्मा और गुड्डू तिवारी ने पूजन अभिषेक के पश्चात 1:75 लाख रुपए कीमत का करीब 2380.40 ग्राम वजनी चांदी का मुकुट सहित कंदोरा और कुण्डल भगवान महाकाल को धारण कराया और मंदिर समिति को दान स्वरूप सौंप दिया।
मंदिर समिति ने दान दाता को मुकुट प्राप्त होने के बाद रसीद प्रदान की है। वही मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने मंदिर समिति की और से भगवान महाकाल का फोटो और प्रसादी भेट कर दान दाताओं का सम्मान किया।
बढ़ी संख्या में आता है दान
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन को आने वाले कई भक्त अप्रत्यक्ष रूप से भी दान करते हैं। गुप्त दान करने वाले भक्त मंदिर में लगी दान पेटी में सोने चांदी के आभूषण गुप्त दान के रुप में डाल देते हैं। वही कई भक्त भेंट पेटी में भगवान महाकाल को विदेशी करेंसी भी अर्पित करते हैं। भेंट पेटी खोलने के दौरान सोने चांदी की कई सामग्री और विदेशी करेंसी भी निकलती है। हालांकि भेंट पेटी में मिलने वाली राशि और सामग्री गुप्त दान में प्राप्त होती है।