मकर संक्राति पर महाकाल को तिल के लड्डू का लगा भोग
उज्जैन, अग्निपथ। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में मकर संक्रांति पर तडक़े 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल को जल से स्नान कराया गया। इसके बाद पंडे और पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया। भगवान महाकाल को तिल, गुड़ चढ़ाया। मस्तक पर चंदन का त्रिपुण्ड धारण कर मोगरे के सुगंधित पुष्प और पतंग की माला अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया।
धार्मिक नगरी उज्जैन में हर पर्व की शुरुआत भगवान महाकाल के मंदिर से होती है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए शनिवार को तारीख अनुसार सर्वप्रथम भस्म आरती में भगवान को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का दर्शन लाभ लिया।
ख्यात कवि कुमार विश्वास ने भी इस मौके पर महाकाल का आशीर्वाद लिया। मन्दिर के पुजारी ओम गुरु ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व को लेकर भगवान महाकाल के प्रांगण में श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है । प्रात: में हुई भस्म आरती में सर्वप्रथम भगवान का तिल से अभिषेक किया गया और भगवान महाकाल की भस्म आरती में तिल के लड्डुओं का भोग लगाया गया और विशेष भस्म आरती की गई।
सिद्धि विनायक मंदिर में बंधवाया रक्षासूत्र
ख्यात कवि कुमार विश्वास अपने साथियों सहित भस्मारती में शामिल होने के बाद मंदिर परिसर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर भी पहुंचे। यहां पर उन्होंने पुजारी प्रतिनिधि लव गुरु से रक्षासूत्र बंधवाया और भगवान सिद्धि विनायक का आशीर्वाद प्राप्त किया।