सामान्य रूप से आम जनता में पुलिस की छबि बहुत सकारात्मक नहीं होती है। थाने पर बिना लेनदेन के कोई कार्य नहीं होता है, ऐसी एक धारणा बनी हुई है। वहीं यदि आपका मोबाइल चोरी हो जाए या कहीं गिर जाए तो पुलिस सिर्फ एक आवेदन लेकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर देती है। यह सिलसिला एक लंबे समय से चला आ रहा है। किंतु पुलिस कप्तान सत्येंद्र कुमार शुक्ल के कार्यकाल में मोबाइल दिलाने का नया काम हुआ। उन्होंने लगभग आठ लाख से अधिक मूल्य के पचास से अधिक मोबाइल उनके मालिकों को लौटा दिए। इस पूरे मामले में पुलिस कप्तान की ओर से एक मानवीय पक्ष भी रखा गया। यदि किसी ने चोरी का मोबाइल खरीद लिया और उसे इस बात की जानकारी नहीं थी। जानकारी मिलने के बाद उसने यदि वह मोबाइल लौटा दिया तो पुलिस ने किसी तरह का कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पूरे मामले में पुलिस कप्तान ने आम जनता का दिल जीत लिया। पुलिस कप्तान के साथ-साथ सबसे ज्यादा बधाई की पात्र आईटी सेल है, जिसने पूरे मामले की गंभीरता को समझा और मोबाइल तलाशने में दिन-रात एक कर दिए। मोबाइल मिलने की खुशी कई लोगों के चेहरे पर साफ झलक रही थी।